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लौटते मानसून में हुई ‘ताबड़तोड़ बारिश’, IMD ने दी अक्टूबर में बाढ़ जैसे हालातों की चेतावनी, राजस्थान में भी बारिश का अलर्ट जारी

IMD Rain Alert: 1 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक और नया सिस्टम बनेगा। इसका असर 3 दिन रहेगा। 4 अक्टूबर से नया पश्चिम विक्षोभ बनेगा जिससे उत्तरी-पश्चिम भारत के अलग-अलग हिस्सों का मौसम प्रभावित होगा।

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बारिश का अलर्ट (फोटो: पत्रिका)

Post Monsoon Season Weather Forecast: बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने निम्न दबाव के क्षेत्र से लौटता मानसून कई राज्यों को खूब भिगो रहा है। मंगलवार को राजस्थान, गुजरात, कोंकण, गोवा, नई दिल्ली, आंध्रप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई।

इधर प्रदेश में जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, धौलपुर, अजमेर, कोटा, जैसलमेर सहित कई जिलों में जोरदार बारिश हुई। धौलपुर के सैंपऊ में करीब 4 इंच तो राजधानी में करीब 3 इंच पानी बरसा। कई इलाकों में जलभराव से रास्ते अवरुद्ध हो गए तो दशहरे के लिए तैयार रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले भीगकर खराब हो गए।

पश्चिमी विक्षोभ का असर

  • अरब सागर की खाड़ी से सटे सौराष्ट्र व कच्छ में 30 सितंबर को निम्न दबाव का सिस्टम बना।
  • 1 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक और नया सिस्टम बनेगा। इसका असर तीन दिन रहेगा।
  • 4 अक्टूबर से नया पश्चिम विक्षोभ बनेगा जिससे उत्तरी-पश्चिम भारत (राजस्थान, दिल्ली, पंजाब आदि राज्य) के अलग-अलग हिस्सों का मौसम प्रभावित होगा। इसके कारण बारिश की संभावना है।

राजस्थानः बिजली गिरने से युवक की मौत

राजस्थान में मंगलवार को कई जिलों में तेज गर्जना के साथ बारिश हुई। बिजली गिरने से करौली के मंडरायल में लालसिंह मीना की मौत हो गई, वहीं सवाई माधोपुर के खंडार में बारिश के दौरान करंट लगने से दुकानदार गौरीशंकर की मौत हो गई। बिजली गिरने से पशुधन को भी हानि पहुंची है।

8 अक्टूबर तक अलर्ट

जयपुर मौसम केन्द्र के अनुसार प्रदेश से मानसून भले की विदा हो गया है लेकिन एक नए पश्चिमी विक्षोभ की 5-8 अक्टूबर को सक्रिय होने की संभावना है जिसके असर से प्रदेश में फिर से बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं

सामान्य से 115% अधिक वर्षा का अनुमान

आइएमडी ने मंगलवार को पोस्ट-मानसून सीजन (अक्टूबर से दिसंबर 2025) के लिए दीर्घावधि वर्षा पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से 112% अधिक वर्षा होने की सबसे अधिक संभावना है, जबकि अक्टूबर में पूरे देश में 115% से अधिक बारिश दर्ज हो सकती है। यह पूर्वानुमान बाढ़, परिवहन व्यवधान और अन्य आपदाओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि भारी बारिश दक्षिण भारत में होगी। शेष अन्य राज्यों में हल्की व मध्यम दर्जे की बारिश का दौर चलेगा।