
विलाप करते परिजन (फोटो: पत्रिका)
दिवाली की तैयारियों में जुटे परिवारों के घर में मातम छा गया। जब जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक नई AC स्लीपर बस अचानक आग की लपटों में घिर गई। त्योहार से पहले उम्मीदों और रौनक से भरे घरों में चीख-पुकार गूंजने लगी। इस दर्दनाक हादसे में 20 लोगों की जान चली गई, जबकि कई जख्मी अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिन घरों में दीयों की रोशनी होनी थी वहां अब सिर्फ रोने की आवाजें गूंज रही है।
बस में सवार थे रामदेवरा के महिपाल सिंह जो परीक्षा देकर लौट रहे थे। झुलसने के बाद वे जोधपुर की बर्न यूनिट में भर्ती हैं। अस्पताल के बाहर उनके पिता नग सिंह गहरी चिंता में डूबे थे। वे बोले कि '5 मिनट पहले बेटे से बात की थी…फिर हादसे की खबर मिली।' वहीं अब्दुल अजीज अपने भाई उम्मेदुल्लाह के लिए बेहाल थे जो हादसे में बुरी तरह झुलस गया। आशीष की माँ ने रोते हुए बताया कि 'आग लगने के बाद भी ड्राइवर गाड़ी आधा किलोमीटर तक दौड़ाता रहा…!'
इस हादसे में पत्रकार राजेंद्र की मौत हो गई जबकि जैसलमेर के भाजपा नेता मनोज भाटिया गंभीर रूप से झुलस गए। उन्हें पहले निजी अस्पताल ले जाया गया फिर जोधपुर के एमजीएच में भर्ती कराया गया है।
वॉर म्यूजियम के पास बस के पिछले हिस्से से धुआं निकलना शुरू हुआ। कुछ ही देर में पूरी बस आग का गोला बन गई। वहां मौजूद सेना के जवानों और मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी से बस का दरवाजा तोड़ा और कई यात्रियों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना संभव नहीं। एफएसएल जोधपुर की टीम जैसलमेर पहुंच चुकी है और डीएनए जांच के ज़रिए शिनाख्त की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अभी तक सिर्फ एक शव की पहचान हो सकी है।
Published on:
15 Oct 2025 09:26 am
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