
झालावाड़। जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने बंदरबांट कर रखी है। सरकार की ऋण माफी योजना की कट ऑफ 30 नवंबर 2018 के बाद कई जगह नियम विरूद्ध ब्रांच मैनेजर ने डिफाल्टर किसानों को ऋण दे दिया। केन्द्रीय सहकारी बैंक के नियमानुसार डिफाल्टर किसानों को दुबारा ऋण नहीं दिया जा सकता है, लेकिन जिले की बड़ोदिया ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक व असनावर शाखा के तत्कालीन बैंक प्रबन्धक ने बिना जांच किए ही 32 किसानों का करीब 19 लाख रुपए का ऋण ब्याज सहित बकाया होने के बाद भी इन किसानों को 2019 से 2021 तक की अवधि में करीब 8 लाख रुपए का ऋण फिर से दे दिया । इसका खुलासा हाल में हुई जांच में हुआ है। जांच में यह भी सामने आया है कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के 12 किसानों से व्यवस्थापक द्वारा वसूली गई करीब 10 लाख रुपए की राशि बैंक में जमा नहीं करवाई। बाद में सहकारी समिति के व्यवस्थापक से ये राशि वसूल कर जमा करवा दी गई।
अभी इस मामले में निरीक्षण स्तर पर जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद इसमें कई परतें खलेगी। तब वास्तव में पता चलेगा कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक व तत्कालीन शाखा प्रबन्धक असनावर द्वारा इस तरह की घोर लापरवाही कर सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाई है।
राज्य सरकार एवं सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी फसल ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना 2019 लाई गई थी। जो सहकारी समितियों में ऋण माफी से उजागर फर्जी ऋणों को ध्यान में रखकर लाई गई थी, इस योजना के आने के बाद भी जिम्मेदार कार्मिकों ने योजना की अनदेखी करते हुए मिलीभगत कर डिफाल्टर किसानों को ऋण स्वीकृत कर दिया। जबकि इस योजना के सहकारी नियम बिन्दू 3(3) के अनुसार ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित शाखा के प्रबन्धक को ये देखना होता है कि पूर्व में स्वीकृत ऋण जमा हुआ या नहीं। इसकी जांच होने के बाद ही किसानों को ऋण दिया जाता है। लेकिन यहां पूरी तरह से तत्कालीन शाखा प्रबन्धक द्वारा नियमों का उल्लंघन किया गया। अब इस पूरे मामले में जांच कुछ ही समय में पूरी होने के बाद ही पूरी िस्थति स्प्ष्ट होगी कि सरकारी राजस्व को कितना नुकसान हुआ।
यह मामला जिले के लिए कोई नया नहीं है। इससे पूर्व भी जिले की दस ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टमर हायरिंग सेंटर की स्थापना में ट्रैक्टर खरीद में भी बड़ा घपला सामने आया था। इस पूरे मामले को राजस्थान पत्रिका ने 8 मई 2025 को टै्रक्टर का एक जैसा मॉडल और पावर, फिर भी दरों में भारी अंतर, खरीद पर उठे सवाल नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। उक्त टे्रक्टर खरीद में जांच चल रही है। दोनों जांच जल्द आने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट होगा कि अभी तक तत्कालीन शाखा प्रबन्धक द्वारा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया।
इसकी धारा 55 में जांच चल रही है। व्यवस्थापक से दस्तावेज मांगे गए है। दस्तावेज मांगे है, जैसे ही दस्तावेज मिलेंग तो एमडी के समक्ष पेंश करेंगे।उसके बाद आगे की रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। इसमें 20 किसान बचे हुए है, इनकी भी रिकवरी होनी है।सस्था को जो नुकसान हुआ है, उसकी ताे रिकवरी की जाएगी।
मस्तराम मीणा, निरीक्षक एवं जांच अधिकारी सहकारिता विभाग,झालावाड़।जांच चल रही है
Published on:
27 Nov 2025 08:18 pm
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