
फोटो: पत्रिका
COPD Day 2025: पहले श्वास की बीमारी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के लिए धूम्रपान अधिक जिम्मेदार कारक माना जाता था लेकिन बीते दो दशक में बढ़ते वायु प्रदूषण ने धूम्रपान को पीछे धकेल दिया है।
वायु प्रदूषण, सीओपीडी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है इसलिए सीओपीडी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक हो रहा है। इस साल कमला नेहरू टीबी एवं चेस्ट हॉस्पिटल में सीओपीडी, ओएडी और ब्रॉन्कियल अस्थमा के अब तक 22 हजार 973 मरीज आए हैं, जिसमें पुरुषों की संख्या 14,655 और महिलाओं की 8,318 है। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। ऐसेे में सीओपीडी मरीजों की संख्या में अब और अधिक इजाफा होगा।
विश्व सीओपीडी दिवस की इस वर्ष की थीम ‘‘शॉर्ट ऑफ ब्रीथ- थिंक सीओपीडी’’ है, जो बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और जल्दी इलाज शुरू करने पर जोर देती है। चिकित्सक आमजन से अपील कर रहे हैं कि खांसी, बलगम, सांस फूलना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चेस्ट स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। सीओपीडी एक ऐसी बीमारी है, जिसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन सही समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।
सीओपीडी के मरीजों की संख्या पहले से 26.7% अधिक हो चुकी है। हर साल पुरुष मरीज महिलाओं से लगभग दोगुने या उससे अधिक हैं। पुरुषों में धूम्रपान की लत, बाहर अधिक काम करना और धूल-मिट्टी एवं वाहनों के धुएं के संपर्क में अधिक रहना है।
Published on:
19 Nov 2025 03:49 pm
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
