
HIV-AIDS infection in Katni
कटनी। जिले में एचआईवी-एड्स का बढ़ता संक्रमण अब गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। पिछले छह वर्षों में सामने आए 335 मामले स्वास्थ्य व्यवस्थाओं और समाज दोनों के लिए चेतावनी हैं। लगातार बढ़ते आंकड़े बताते हैं कि अभी भी लोगों में जागरूकता की भारी कमी है। असुरक्षित संबंध, लापरवाही और जानकारी का अभाव संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि महिलाएं और बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमित गर्भवती महिलाओं का बढ़ता आंकड़ा समाज और परिवार दोनों के लिए खतरे की घंटी है। मौतों का बढ़ता आंकड़ा बीमारी की भयावहता को और स्पष्ट कर रहा है। अब समय आ गया है कि समाज, स्वास्थ्य विभाग और हर व्यक्ति मिलकर जागरूकता को प्राथमिकता दें…। जिले में एचआईवी-एड्स का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले छह वर्षों में 335 मामले सामने आ चुके हैं, जो स्वास्थ्य विभाग और समाज, दोनों के लिए गंभीर चेतावनी का संकेत हैं। संक्रमण फैलने के मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त या सुई का उपयोग, जागरूकता की कमी और लापरवाही माने जा रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि संक्रमितों में 131 महिलाएं और 09 बच्चे शामिल हैं। वहीं, 47 गर्भवती महिलाओं में एचआईवी संक्रमण पाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं में से अधिकांश के सुरक्षित प्रसव कराकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गर्भावस्था के दौरान विशेष दवाइयां और नवजात को 72 घंटे के भीतर दिए गए उपचार के चलते ये बच्चे संक्रमण से बचाए जा सके। वर्तमान में आधा दर्जन गर्भवती महिलाएं संक्रमण से जूझ रही हैं, जिनकी निगरानी और उपचार जारी है।
मौत का बढ़ता आंकड़ा चिंता का विषय
वर्ष 2020-21 से अब तक एचआईवी-एड्स से 14 लोगों की मौत दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच और उपचार न मिलने से स्थिति और गंभीर होती जा रही है।
हर साल बढ़ते आंकड़े
वर्ष जांच पॉजिटिव मरीज
2018-19 9430 26
2019-20 10105 25
2020-21 9430 26
2021-22 10105 25
2022-23 11476 40
2023-24 12696 42
2024-25 13912 50
2025-26 7416 18
2020-21 से लेकर जिला अस्पताल के आइसीटीसी केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार में होने वाली जांचों के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। 65 हजार 35 लोगों की जांच में 201 लोग महिला-पुरुष व बच्चे एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें 92 महिलाएं, 75 पुरुष, 6 बच्चे व 28 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं, जबकि 14 लोग काल कलवित हो चुके हैं।
जिले के दो सिविल अस्पतालों बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व विजयराघवढ़ सिविल अस्पताल में एड्स की जांच के लिए आइसीटीसी केंद्र चलाए जा रहे हैं। बहोरीबंद ंमें 18 महिला, 9 पुरुष, 5 गर्भवती महिलाएं, 3 बच्चे मिलाकर 35 इस लाइलाज बीमारी की चपेट में हैं। इसी प्रकार विगढ़ आइसीटीसी रिपोर्ट के अनुसार 47 पुरुष, 30 महिला, 14 गर्भवती महिलाएं मिलाकर 91 लोग गलतियों की वजह से इस बीमारी को ढोने विवश हैं।
परामर्शदाता हेमंत श्रीवास्तव, राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान में जो गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित हैं, उनमें से नवजात बच्चों को नेवरापिन सस्पेंशन तथा समय पर उपचार देकर सुरक्षित किया गया है। जन्म के 42 दिन बाद डायरेक्ट ब्लड स्पॉट टेस्ट कर सैंपल मुंबई भेजा जाता है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर परिवार को जानकारी दी जाती है।
एचआईवी-एड्स क्या है?
परामर्शदाता हेमंत श्रीवास्वत के अनुसार एचआईवी वायरस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देता है। जब यह क्षमता अत्यंत कमजोर हो जाती है, तब एड्स के लक्षण उभरते हैं, जो व्यक्ति को अन्य बीमारियों से लडऩे लायक नहीं छोड़ते।
एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 के तहत संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव करना, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित करना, नौकरी या आवास देने से मना करना, गोपनीयता का उल्लंघन करना कानूनन अपराध है। इस पर 2 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच, सुरक्षित व्यवहार, संक्रमित व्यक्ति का सम्मान, नियमित दवाइयां और जागरूकता ही इस संक्रमण से लडऩे के सबसे प्रभावी उपाय हैं। कटनी जिले में बढ़ते आंकड़े बताते हैं कि अभी भी समाज को एचआईवी-एड्स के प्रति गंभीर होने की जरूरत है।
वर्जन
जिले में एड्स जागरूकता को लेकर अभियान चलाया जाता है। स्कूल, कॉलेजों सहित गांवों व बस्तियों में कार्यक्रम आयोजित होती हैं। स्वास्थ्य केंद्रों की लैबों में जांच हो रही है। संक्रमितों की भी निगरानी कराई जा रही है। लोगों को और जागरूक किया जाएगा।
डॉ. राज सिंह, सीएमएचओ।
Published on:
01 Dec 2025 06:21 am
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