
हॉस्टलों में बच्चों को गर्म कपड़े वितरण करते अधीक्षक व अन्य
अनुसूचित जाति ( एससी ) हॉस्टलों में बच्चों को कंबल, गद्दा, चादर, तकिया ( शयन सामग्री ) नहीं मिली है। बच्चे ठंड में ठिठुर रहे हैं। ठंड से बचने ज्यादातर बच्चे घर से चादर-तकिया ला रहे हैं। क्यों कि एससी वर्ग के हॉस्टलों में नव प्रवेशित बच्चों के खाते में अभी तक शयन सामग्री की राशि नहीं पहुंची है।
अधीक्षक नवीन बच्चों को गोदाम में रखी पुरानी सामग्री देकर ठंड से बचाव का दावा कर रहे हैं। एससी हॉस्टलों के कई अधीक्षकों ने जनजातीय कार्य विभाग को डिमांड के आधार पर रिमाइंडर भेजा है। एससी अधीक्षकों ने 72 लाख रुपए की डिमांड की है। अभी तक शासन से सिर्फ 17 लाख रुपए जारी हुए हैं। कुछ अधीक्षकों ने वार्षिक खर्च की बचत राशि से बच्चों को गर्म कपड़ों का वितरण किया है।
जनजातीय कार्य विभाग में एससी के 36 हॉस्टलों में 1800 सीटें हैं। इसमें 200 से अधिक खाली हैं। 1600 सीटें भरी हैं। चालू शैक्षणिक सत्र में अभी तक सिर्फ 400 बच्चों के खाते में राशि पहुंची है। शेष 1200 बच्चों के खाते में अभी तक शयन सामग्री खरीदी की राशि नहीं पहुंची है। एससी के नवीन बच्चों को शयन सामग्री क्रय करने 5 हजार 800 रुपए का भुगतान सीधे बच्चों के खाते में राशि जारी होती है। इसमें नवीनीकरण ( पुराने बच्चे ) बच्चों की राशि भी प्रभावित है।
छैगांव माखन में पचास एससी एससी हॉस्टल में कुछ ही बच्चों के खाते में सामग्री पहुंची है। अधीक्षकों ने जिला मुयालय पर शेष बच्चों के डिमांड के लिए रिमाइंडर भेजा है। पांच माह के भीतर कुछ ही बच्चों के खाते में सामग्री राशि पहुंची है। इसी तरह खाला, पंधाना, किल्लोद समेत अन्य ब्लाकों में एससी हॉस्टलों में बच्चों के खाते में राशि नहीं पहुंची है। इसी तरह ज्यादातर अधीक्षकों की डिमांड लंबित है। छैगांव समेत कई अधीक्षकों ने बताया कि वह पुरानी सामग्री से काम चला रहे हैं।
जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला का कहना है कि कन्या शिक्षा परिसर व एसटी के बच्चों के खाते में राशि पहुंच गई है। शासन स्तर पर एससी हॉस्टल के बच्चों की कागजी प्रक्रिया एमपी टॉस पोर्टल चल रही है। प्रकिया पूरी होते ही खाते में राशि पहुंच जाएगी। सामग्री की दिक्कत किसी भी हॉस्टल में नहीं है। प्रक्रिया ऑनलाइन है।
एमपी टॉप पोर्टल के माध्यम से एसटी व कन्या शिक्षा परिसर के बच्चों के खाते में राशि पहुंच गई है। एसटी के 59 हॉस्टल व 32 आश्रम है। पांच कन्या परिसर हैं। इसके अलावा एक आदर्श आदिवासी है। इन हॉस्टल व आश्रमों में बच्चों के खाते में राशि पहुंचने का दावा किया है।
Published on:
25 Nov 2025 11:50 am
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