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एमपी में बन रहा 2195 करोड़ रुपए का म्यूजियम, जल्द तैयार होगा वर्ल्ड सेंटर

Museum - मध्यप्रदेश में एक और ‘वर्ल्ड सेंटर’ का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में 2195 करोड़ रुपए की भारी भरकम लागत से भव्य म्यूजियम बनाया जा रहा है।

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Museum worth Rs 2195 crore is being built in Omkareshwar in MP

Museum worth Rs 2195 crore is being built in Omkareshwar in MP

Museum - मध्यप्रदेश में एक और ‘वर्ल्ड सेंटर’ का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में 2195 करोड़ रुपए की भारी भरकम लागत से भव्य म्यूजियम बनाया जा रहा है। तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में एकात्म धाम में इस अद्वैत लोक संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के तत्वावधान में इसे अद्वैत दर्शन और सांस्कृतिक एकता के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां 108 फीट ऊंची ‘एकात्मता की प्रतिमा’ की स्थापना की जा चुकी है।

आदि गुरू शंकराचार्य की ‘एकात्मता प्रतिमा’ स्थापना की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर ओंकारेश्वर के मार्कण्डेय संन्यास आश्रम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही आचार्य शंकर द्वारा रचित स्तोत्रों और भाष्यों का विधिवत पारायण किया गया। इसके बाद गुरु पूजन, रुद्राभिषेक और संवाद सत्र भी हुआ।

महामंडलेश्वर स्वामी नर्मदानंद बापजी, स्वामी भूमानंद सरस्वती, वेद अध्ययनकर्ता तथा एकात्म धाम के अधिकारियों की उपस्थिति में शंकर दूतों और विद्वानों ने तोटकाष्टकम्, नर्मदा अष्टक, गंगा स्तोत्र आदि का संगीतमय पाठ किया।

महामंडलेश्वर स्वामी नर्मदानंद बापजी ने कहा कि भगवान शंकराचार्य का अवतार जगत के कल्याण के लिए हुआ। ओंकारेश्वर की यह पुण्यभूमि आचार्य गुरु की खोज और व्यवहारिक शिक्षाओं से पुण्यवान हुई है। उन्होंने बताया कि एकात्म धाम के माध्यम से यहां से विश्व में एकात्मता और अद्वैत का संदेश फैलाया जाएगा।

स्वामी भूमानंद सरस्वती ने अद्वैत को जीवन-दृष्टि बताते हुए कहा कि अद्वैत वेदांत भेदभाव का अंत कर समस्याओं का सार्थक समाधान प्रस्तुत करता है। ब्रह्मचारी रमण चैतन्य ने आचार्य शंकराचार्य को महान ज्ञानी और परम भक्त बताया।

अद्वैत लोक संग्रहालय का काम तेजी से चल रहा

एकात्म धाम में ‘अद्वैत लोक संग्रहालय’ का काम तेजी से चल रहा है। न्यास एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ₹2,195 करोड़ की अनुमानित लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है। म्यूजियम में आचार्य शंकर के जीवन, उनके भाष्यों, पांडुलिपियों, दर्शन एवं सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित व प्रदर्शित किया जाएगा। प्रोजेक्ट के अंतर्गत संग्रहालय, शोध-केंद्र, शैक्षिक सुविधाएं तथा तीर्थ और सांस्कृतिक पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। इससे पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।