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बच्चों के टिकट पर रेलवे की क्या गाइडलाइन है? समझें किस उम्र पर कितना देना होगा किराया?

Indian Railways Child Ticket Rules: भारतीय रेलवे के बच्चों की टिकट बुकिंग को लेकर क्या नियम हैं, कब यात्रा फ्री होती है, कब आधा कियारा लगता है और कब पूरा, यहां समझिए।

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भारत

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Rahul Yadav

Nov 13, 2025

Indian Railways Child Ticket Rules

Indian Railways Child Ticket Rules (Image: Patrika File)

Indian Railways Child Ticket Rules: अगर आप बच्चों के साथ ट्रेन से यात्रा करते हैं तो टिकट बुकिंग को लेकर अक्सर मन में कई सवाल उठते है किस उम्र में टिकट लगता है कब आधा किराया देना पड़ता है और कब यात्रा फ्री होती है। रेलवे ने अब इन नियमों को और साफ तरीके से समझाया है, ताकि बुकिंग के समय यात्रियों को कन्फ्यूजन न हो। इसलिए अगर आप भी माता-पिता हैं और जल्द ही ट्रेन से सफर की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह जानकारी आपके काम की है। चलिए जानते हैं बच्चों के टिकट पर रेलवे की क्या गाइडलाइन है?

5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट की जरूरत नहीं, बस याद रखें ये शर्त

सबसे पहले बात करते हैं छोटे बच्चों की। अगर आपका बच्चा 5 साल से छोटा है तो उसके लिए टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ती। जी हां, बिना टिकट भी वह आराम से आपके साथ सफर कर सकता है। लेकिन रेलवे की एक शर्त है कि आप बच्चे के लिए अलग सीट या बर्थ नहीं ले सकते। आमतौर पर माता-पिता छोटे बच्चों को गोद में लेकर चलना पसंद ही करते हैं इसलिए यह नियम ज्यादा मुश्किल नहीं है।

5 से 12 साल तक के बच्चों के लिए क्या है सुविधा

अब बात करते हैं 5 से 12 साल के बच्चों की, जहां सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन होता है। अगर इस उम्र का बच्चा बिना सीट या बर्थ के यात्रा करता है तो उसका टिकट आधी कीमत में बनेगा। टिकट बुक करते समय 'No Seat/No Berth (NOSB)' का विकल्प चुनना होगा। लेकिन जैसे ही आप बच्चे के लिए बर्थ चुनते हैं, सिस्टम उसे वयस्क मानकर पूरा किराया लेता है।

यानी सीट चाहिए तो पूरा किराया, नहीं चाहिए तो आधा किराया। कई परिवार इस विकल्प को समझ नहीं पाते जिससे बुकिंग में दिक्कतें आती हैं।

12 साल से ऊपर के लिए

12 साल की उम्र पार करते ही बच्चों को रेलवे वयस्क यात्री की तरह मानता है। मतलब किराया भी पूरा लगेगा और टिकट भी सामान्य तरीके से ही बनेगा। इससे बुकिंग में भ्रम की कोई स्थिति नहीं रहती क्योंकि उम्र 12+ होते ही सीधा नियम यही हैकि पूरा किराया लगेगा।

बच्चे की सही उम्र बताना सबसे जरूरी

रेलवे बार-बार याद दिलाता है कि टिकट बुक करते समय बच्चे की सही उम्र दर्ज करें। कई बार लोग जल्दबाजी में गलत उम्र डाल देते हैं, जिससे बाद में टिकट चेकिंग के दौरान मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। TTE किसी भी समय बच्चे की उम्र का प्रमाण मांग सकता है इसलिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र या स्कूल आईडी साथ रखना अच्छा रहता है।

कुल मिलाकर, रेलवे की बच्चों से जुड़ी टिकट पॉलिसी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर ही बनाई गई है। नियम नए नहीं हैं लेकिन इन्हें समझना जरूरी है ताकि बुकिंग के दौरान गलती न हो और आपका सफर आराम से पूरा हो सके।