
ठंडी उत्तरी-पश्चिमी हवाओं और साफ आसमान के कारण तापमान में तेजी से गिरावट; 17 नवंबर से मिलेगी राहत (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
Cold Wave Alert: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में वर्तमान में कोई सक्रिय वर्षा तंत्र मौजूद नहीं है, लेकिन पश्चिमी हिमालयीय क्षेत्रों से आ रही ठंडी और शुष्क उत्तरी-पश्चिमी हवाएँ वातावरण को तेजी से ठंडा कर रही हैं। इसके साथ ही आसमान का साफ रहना रात के दौरान विकिरणीय शीतलन को और अधिक बढ़ा देता है, जिससे न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे पहुंच गया है।
मध्य भारत पर बने प्रतिचक्रवात (एंटीसाइक्लोन) के कारण ऊपरी स्तर से ठंडी हवाओं का नीचे की ओर प्रवाह बढ़ गया है। इन सभी मौसमी परिस्थितियों ने मिलकर प्रदेश के मौसम में उल्लेखनीय बदलाव पैदा किया है। परिणामस्वरूप प्रदेश के कई जिलों,इटावा, बरेली, कानपुर, बाराबंकी और अमेठी में बीती रात शीतलहर जैसी परिस्थितियाँ दर्ज की गईं।
मौसम विभाग ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के चलते न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे चल रहा है। यह स्थिति आगामी 24 घंटों तक जारी रह सकती है। इसी के आधार पर प्रदेश के मध्यवर्ती क्षेत्रों,जैसे लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई, बाराबंकी, अमेठी, फतेहपुर, बांदा आदि जिलों में 16 नवंबर की देर रात/सुबह तक आंशिक शीतलहर (Marginal Cold Wave) चलने की संभावना जताई गई है। हालांकि दिन के समय धूप निकलने से शीतलहर का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाता है और अधिकतम तापमान सामान्य से 1–4 डिग्री नीचे ही रहते हुए भी कुछ राहत मिलती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान ठंड अचानक नहीं आई है, बल्कि इसके पीछे तीन प्रमुख वैज्ञानिक कारण हैं-
मौसम विभाग ने बताया है कि 17 नवंबर से हवाओं की दिशा में बदलाव देखने को मिलेगा। वर्तमान में उत्तरी-पश्चिमी हवाएँ चल रही हैं, लेकिन 17 तारीख के बाद दक्षिण-पूर्वी या पूर्वी दिशा की गर्म हवाएँ आने लगेंगी। इससे रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी। प्रदेश में चल रही आंशिक शीतलहर की स्थिति खत्म हो जाएगी। आम लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिलने लगेगी।
कम तापमान, साफ आसमान और नमी में उतार-चढ़ाव के कारण सुबह के समय धुंध बनने की संभावना रहती है। कई जिलों में हल्का कोहरा, दृश्यता 500–800 मीटर तक घटने की स्थिति बन सकती है। हालांकि अभी घना कोहरा पड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह से कोहरे में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार ठंड का आगमन जल्दी हो गया है। इसका बड़ा कारण है।
इन सभी कारणों से यूपी में नवंबर के मध्य में ही दिसंबर जैसी ठंड का एहसास होने लगा है।
मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार,इटावा, बरेली, कानपुर, बाराबंकी और अमेठी में रात का तापमान सामान्य से सबसे अधिक नीचे दर्ज किया गया। प्रदेश के मध्य और पश्चिमी जिलों में ठंड का प्रकोप अधिक है। पूर्वी यूपी में भी तापमान तेजी से नीचे जा रहा है।
ठंड बढ़ने के साथ ही सर्दी-खांसी, वायरल और अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। कई सरकारी और निजी अस्पतालों ने भी लोगों को गर्म पानी पीने, सुबह की ठंडी हवा से बचने,बुजुर्गों को रात में बाहर न निकलने की सलाह दी है।
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Published on:
15 Nov 2025 08:48 pm
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