
गोमती नगर, इंदिरा नगर और गुड़म्बा में 17 अवैध निर्माण सील, निजी डेवलपर्स में मचा हड़कंप (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
LDA Cracks Down on Illegal Plotting in Lucknow: राजधानी लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने अवैध प्लॉटिंग और निर्माण के खिलाफ एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण की प्रवर्तन टीमों ने चिनहट, काकोरी और माल क्षेत्रों में करीब 150 बीघा जमीन पर चल रही 14 अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। अभियान के दौरान टीमों ने निजी डेवलपर्स द्वारा बनाई गई सड़कें, नालियां, बाउंड्री वॉल और अन्य ढांचे को पूरी तरह से तोड़ दिया। साथ ही, शहर के गोमतीनगर, चिनहट, इंदिरा नगर और गुड़म्बा क्षेत्रों में 17 अवैध निर्माण, जिनमें कार गैराज, रो-हाउस और व्यावसायिक कॉम्पलेक्स शामिल थे, उनको सील कर दिया गया।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के निर्देश पर यह कार्रवाई तीन जोनल टीमों की ओर से की गई। टीमों ने सुबह से ही चिनहट, काकोरी और माल तहसील क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग स्थलों को घेरकर बुलडोजर कार्रवाई शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि सभी स्थलों पर ना तो कोई वैध नक्शा स्वीकृत था, ना ही प्राधिकरण से विकास की अनुमति। स्थल पर निजी डेवलपर्स ने प्लॉट काटकर सड़कें बना ली थी, नालियां डाल दी थी और लोगों को अवैध रूप से भूखंड बेचने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, चिनहट और काकोरी में कृषि भूमि को अवैध रूप से आवासीय घोषित कर छोटे-छोटे प्लॉटों में बांटकर बेचने का काम चल रहा था। कुछ स्थानों पर तो नकली नामों से रजिस्ट्री के कागज़ तक तैयार कर लिए गए थे। प्राधिकरण के निरीक्षण दल ने पाया कि ये भूखंड न केवल बिना स्वीकृति काटे जा रहे थे बल्कि बिजली, पानी और सड़क जैसी सुविधाओं का झूठा दावा करके आम नागरिकों को धोखा दिया जा रहा था।
एलडीए ने कुछ सप्ताह पहले ही एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा था कि अवैध कॉलोनियों, बिना नक्शे के भवन निर्माण और अनधिकृत प्लॉटिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके बावजूद चिनहट, काकोरी और माल क्षेत्र में कुछ निजी डेवलपर्स ने काम बंद नहीं किया। प्राधिकरण की प्रवर्तन शाखा ने इन डेवलपर्स को चेतावनी नोटिस भेजे थे, परंतु जब सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
बुधवार को की गई कार्रवाई के दौरान कुल 14 अवैध प्लाटिंग साइटों पर बुलडोजर चलाया गया। इन साइटों का कुल क्षेत्रफल लगभग 150 बीघा बताया गया है। कार्रवाई में 15 से अधिक मशीनें और 50 से अधिक कर्मचारी शामिल रहे। अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के दौरान लगभग 6 किलोमीटर लंबी सड़कों, दर्जनों नालियों और कई बाउंड्री वालों को ध्वस्त किया गया। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी स्थिति में बिना स्वीकृति के कॉलोनी विकास नहीं होने दिया जाएगा।
इसी क्रम में शहर के अन्य हिस्सों में भी एलडीए की टीमों ने सघन निरीक्षण किया। गोमतीनगर, चिनहट, इंदिरा नगर और गुड़म्बा क्षेत्रों में चल रहे 17 अवैध निर्माण कार्यों को रोकते हुए उन्हें सील कर दिया गया। इन निर्माणों में कार गैराज, रो-हाउस भवन और व्यावसायिक कॉम्पलेक्स शामिल थे, जिन्हें बिना नक्शा पास कराए तैयार किया जा रहा था। टीम ने मौके पर चेतावनी जारी की कि अगली बार ऐसी स्थिति मिलने पर निर्माण सामग्री जब्त कर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष (वीसी) ने बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य राजधानी में अनियंत्रित व अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाना है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति बिना स्वीकृत नक्शे या अनुमति के कॉलोनी विकसित करेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। शहर को नियोजित रूप से विकसित करना एलडीए की प्राथमिक जिम्मेदारी है। प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में सुल्तानपुर रोड, सीतापुर रोड और हरदोई रोड क्षेत्र में भी अभियान चलाया जाएगा।
एलडीए की कार्रवाई के बाद स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने इन कॉलोनियों में प्लॉट बुकिंग के लिए एडवांस राशि जमा की थी, अब उनका पैसा फंसने की आशंका है। अधिकारियों ने नागरिकों को आगाह किया है कि किसी भी संपत्ति में निवेश करने से पहले यह जरूर जांच लें कि वह कॉलोनी प्राधिकरण से अनुमोदित है या नहीं। इसके लिए एलडीए की वेबसाइट पर स्वीकृत कॉलोनियों की पूरी सूची उपलब्ध है।
इस अभियान में एलडीए टीम के साथ-साथ पुलिस बल, राजस्व विभाग और नगर निगम के अधिकारी भी शामिल रहे। टीम ने मौके पर एहतियात के तौर पर सुरक्षा घेरे में रहकर कार्रवाई की ताकि किसी प्रकार का विरोध या अवरोध न हो। अधिकारियों के अनुसार, कुछ डेवलपर्स ने कार्रवाई का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के आगे सभी को पीछे हटना पड़ा।
प्राधिकरण ने कहा है कि जिन लोगों ने बिना स्वीकृति के निर्माण कार्य या प्लॉटिंग शुरू की है, वे स्वेच्छा से अपने कार्यों को रोक दें। यदि स्वयं सुधार नहीं किया गया तो प्रशासन न केवल ढांचा गिराएगा बल्कि खर्च की वसूली और कानूनी कार्रवाई भी करेगा। एलडीए प्रवक्ता ने बताया कि बीते एक वर्ष में अब तक 150 से अधिक अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जा चुकी है, और 40 से अधिक कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया है।
Published on:
13 Nov 2025 04:27 pm
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