
यूपी में तेज हुई जांच : ATS की बड़ी कार्रवाई, कई जिलों के डॉक्टरों से पूछताछ (फोटो सोर्स : Police Whatsapp News Group )
UP ATS Intensifies Probe After Delhi Blast Case Handed to NIA: दिल्ली में हुए बम विस्फोट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपे जाने के बाद उत्तर प्रदेश में भी सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। दिल्ली धमाके में संदिग्ध मॉड्यूल के यूपी कनेक्शन की आशंका के बाद यूपी एंटी-टेरेरिज़्म स्क्वॉड (ATS) कई जिलों में लगातार छापेमारी और पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, NIA से मिले इनपुट के आधार पर 10 से अधिक डॉक्टरों से पूछताछ की जा चुकी है, जिनके संपर्क कथित रूप से संदिग्ध व्यक्तियों,मुजम्मिल, शाहीन और आदिल के साथ पाए गए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कई जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सूत्रों का दावा है कि NIA और ATS की संयुक्त टीम उन सभी व्यक्तियों की गतिविधियों की जांच कर रही है, जिनका नाम कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), डिजिटल चैट या संदिग्ध मेडिकल रेफरेंस के माध्यम से सामने आया है।
सूत्र बताते हैं कि जिन डॉक्टरों से पूछताछ की गई है, वे बहराइच, अलीगढ़, नोएडा, सहारनपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों से हैं। इन डॉक्टरों में विभिन्न विशेषज्ञता के लोग शामिल हैं, जिनमें जनरल फिजिशियन, सर्जन और कुछ लैब संचालक भी बताए जा रहे हैं। एजेंसियां यह जानने का प्रयास कर रही हैं कि संदिग्ध मुजम्मिल, शाहीन और आदिल के साथ उनका संपर्क किस प्रकृति का था। क्या यह सामान्य चिकित्सा उपचार से जुड़ा संपर्क था या किसी गंभीर साजिश के मद्देनजर कोई आय-व्यय, मेडिकल सर्टिफिकेट, फर्जी रिपोर्ट, अथवा पहचान छिपाने से जुड़ा पहलू इसमें छिपा है। पूछताछ के दौरान कई डॉक्टरों ने बताया कि उनके पास ये लोग सामान्य मरीज के रूप में आए थे, जबकि कुछ के बारे में एजेंसियों को संदेह है कि संपर्क की अवधि और बारंबारता सामान्य नहीं मानी जा सकती।
दिल्ली में हुए धमाके के बाद शुरुआती जांच में पुलिस को कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल चैट और फोन कॉल की जानकारी मिली, जिनमें से कुछ नंबर उत्तर प्रदेश के कॉलोनी क्षेत्रों और मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोगों के थे। इसी आधार पर NIA ने यूपी ATS को संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े नामों और नंबरों की सूची भेजी। इन इनपुट के बाद ATS टीमों ने रात से सुबह तक कई स्थानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
जिन तीन नामों पर एजेंसियों का विशेष फोकस है, उनके बारे में प्रारंभिक जानकारी यह है कि ये तीनों व्यक्ति पिछले 6 महीनों में कई बार विभिन्न शहरों में लोकेशन बदलते रहे हैं। इनका डिजिटल फुटप्रिंट कुछ संवेदनशील मोबाइल लोकेशन के करीब पाया गया। कुछ चैट्स में मेडिकल दस्तावेजों का उल्लेख मिला है। जांच एजेंसियों को शक है कि इन दस्तावेजों का प्रयोग पहचान छिपाने, ठिकानों की खोज या किसी अन्य बड़ी साजिश के लिए किया गया। NIA फिलहाल इनके आपराधिक या आतंकी कनेक्शन की पुष्टि नहीं कर रही, लेकिन इन्हें “हाई-इंटरेस्ट कैटेगरी” में रखा गया है।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि डॉक्टरों से पूछताछ में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए हैं,कई डॉक्टरों ने संदिग्ध व्यक्तियों के फर्जी पते दर्ज किए थे, जिन्हें सत्यापित करने पर गलत पाया गया। कुछ मेडिकल जांच रिपोर्ट संदिग्ध हैं, जिनमें नाम और उम्र मिलान नहीं कर रहे। कुछ डॉक्टरों के क्लीनिक असामान्य समय पर भी खुले पाए गए, जिसकी जांच जारी है। एक जिले में एक निजी लैब से बरामद डिजिटल रिकॉर्ड में एन्क्रिप्टेड फाइलें मिली हैं। हालांकि अभी तक ATS या NIA ने किसी भी डॉक्टर को आरोपी नहीं माना है। सभी से की गई पूछताछ “जानकारी संग्रह” के तौर पर की जा रही है।
कई डॉक्टरों ने पूछताछ के बाद कहा कि वे सामान्य मरीजों के रूप में आने वाले लोगों के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते। कुछ डॉक्टरों ने बताया कि रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं। सबके बैकग्राउंड की जांच संभव नहीं। अगर किसी ने पहचान छिपाई तो यह डॉक्टर की गलती नहीं। वहीं ATS का कहना है कि पूछताछ का उद्देश्य किसी को आरोपित करना नहीं, बल्कि सटीक जानकारी जुटाना है। राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय की निगरानी
सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग ने इस मामले पर विशेष ध्यान दिया है। हर कार्रवाई की रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय को भेजी जा रही है। जिलों में संवेदनशील लोगों पर निगरानी बढ़ी। डिजिटल सर्विलांस का दायरा विस्तृत। मुख्यमंत्री कार्यालय भी NIA के संपर्क में है और मामले की प्रगति पर लगातार जानकारी ले रहा है।
NIA द्वारा जुटाए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की गहन जांच के बाद आने वाले दिनों में
Published on:
22 Nov 2025 11:18 pm
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