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I Love Shiv… अगर छेड़ा तो नहीं छोड़ेंगे, धीरेंद्र शास्त्री का बयान

Dhirendra Shastri Statement: उत्तर प्रदेश से शुरू हुए 'आई लव मोहम्मद' विवाद का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। धीरेंद्र कृष्ण ने अपने बयान में 'आई लव मोहम्मद' नारे का जिक्र करते हुए 'आई लव शिव' की बात कह दी।

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Bageshwar Dham Dhirendra Shastri statement

Bageshwar Dham Dhirendra Shastri statement I Love Shiv (फोटो सोर्स : सोशल मीडिया)

Dhirendra Shastri Statement: उत्तर प्रदेश से शुरू हुए 'आई लव मोहम्मद' विवाद का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। ताजा मामला मध्यप्रदेश के मुरैना जिले का है। शुक्रवार को एक आयोजन में शामिल होने के लिए आए बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस पर बयान दिया है। धीरेंद्र कृष्ण ने अपने बयान में 'आई लव मोहम्मद' नारे का जिक्र करते हुए 'आई लव शिव' की बात कह दी।

आई लव शिव बोलने वालों को नहीं छेड़ें…

मुरैना जिले के जौरा के मनकामेश्वर महादेव पर आयोजित बैंकुठोत्सव, आनंदोत्सव में शामिल होने के लिए आए बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, आज एक ट्रेंड चल रहा है-कुछ युवा आई लव मोहम्मद(I Love Muhammad) का नारा लगा रहे हैं, हमें इससे कोई आपत्ति नहीं। वे आई लव शिव बोलने वालों को छेड़ेंगे तो हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी के हिंदवी स्वराज के सपने को साकार करने के लिए हिंदुओं को पूरी शक्ति लगानी होगी। उन्होंने मंच से हिंदुओं को एकजुट करने का आह्वान करते हुए कहा कि-जाति पाति की करो विदाई, हम सब हिंदू भाई-भाई।

सात नवंबर से दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा

शुक्रवार को गल्ला मंडी में आयोजित एकदिवसीय प्रवचन में उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं आप अपने बच्चों के लिए कितनी भी कार-संपत्ति छोडक़र जाओ, लेकिन अगर उन्हें संस्कार और संस्कृति नहीं दी तो सब व्यर्थ है। अगर आपके संस्कारवान रहेंगे तो वे जहां रहेंगे, जैसे रहेंगे, वह जीवन जीने की कला सीख जाएंगे। उन्होंने सात नवंबर से दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा निकालने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा अगर हिंदू एकजुट नहीं हुए तो हमारा भी वहीं हाल होगा जैसा बांग्लादेश, म्यामार और पश्चिम बंगाल में हो रहा है। इसलिए समय आ गया है कि सभी हिंदू एकजुट हो जाएं। सशक्त हिंदवी राष्ट्र तभी बनेगा जब हम जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाषावाद के नाम पर लड़ना छोड़ देंगे।

अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना ही धर्म

उन्होंने कहा कि सपूत साधर्म में जीना जानते हैं, दीनों को गले लगाते हैं, निर्धन का सहयोग करते हैं, भूखे-प्यासे को भोजन-पानी खिलाना और अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना धर्म है। कुछ लोगों ने पूजा-पाठ को ही धर्म मान लिया। जौरा वाले पागलों जो केवल पूजा-पाठ को धर्म मानते हैं, पूजा-पाठ धर्मकांड है पद्धति है। लेकिन अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना ही धर्म है। उन्होंने कहा कि जो सोच में डूबा, जो भूतकाल में जी रहा। जो चिंता में बैठा वह भविष्यकाल में जी रहा। जो आनंद में हंसता हुआ बैठा, वह वर्तमान में जी रहा है। आपको निर्णय लेना है। चेहरे पर मुस्कुराहट चाहिए या चिंता।

पाप की कमाई फलती नहीं

उन्होंने कहा कि जीवन में सुखी रहना है तो पहला मंत्र माफ करना और दूसरा मंत्र माफी मांगना सीखो। क्योंकि झुकते वही हैं जिसमें जान होती है। अकड़ तो एक मुर्दे की पहचान होती है। अहम की अकड़ ज्यादा चल नहीं सकती, पाप की कमाई कभी फल नहीं सकती। उन्होंने कहा कि जिंदगी की विपत्तियों से बचना चाहते हैं तो हनुमान जी की छत्र-छाया में रहो। जौरा वालों चिंता में नहीं, चिंतन में रहो। चिंतन में जाओगे तो भगवान को पाओगे, चिंता में जाओगे तो श्मशान जाओगे।

कटीवरी हनुमान मंदिर पर किए दर्शन

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पांडाल में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ में पटिया वाले महाराज जी का नाम लिया। इससे पूर्व ग्वालियर से सडक़ मार्ग से जौरा जाते समय कटीबरी हनुमान मंदिर के भी दर्शन किए।