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फडणवीस ने शिंदे के सामने शिवसेना के मंत्रियों को फटकारा, कहा- आप करे तो सही, भाजपा करे तो गलत

Devendra Fadnavis on Shiv Sena Ministers: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के भीतर कलह बढ़ती जा रही है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Nov 18, 2025

Devendra Fadnavis Eknath Shinde

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Photo: CMO Maharashtra)

महाराष्ट्र में निकाय चुनावों (Maharashtra Civic Polls) से पहले भाजपा नीत महायुति सरकार के भीतर खींचतान खुलकर सामने आ गई है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के ज्यादातर मंत्री अनुपस्थित रहे। बताया जा रहा है कि शिवसेना के मंत्री राज्य सचिवालय में थे, लेकिन वह कैबिनेट मीटिंग हॉल में नहीं गए। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और अपनी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान शिंदे भी वहां मौजूद थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिवसेना की ओर से केवल उपमुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे ही पहुंचे। बताया जा रहा है कि शिवसेना इस कदम के जरिए भाजपा को यह जताना चाहती थी कि वह अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल किए जाने को स्वीकार नहीं करेगी।

शिवसेना के भीतर नाराजगी की एक बड़ी वजह हाल ही में कल्याण-डोंबिवली में शिवसेना से भाजपा में शामिल हुआ एक स्थानीय नेता भी बताया जा रहा है। इस घटनाक्रम ने शिवसेना के नेताओं को खासा असहज किया है। इस क्षेत्र से एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे सांसद है।

कैबिनेट बैठक के बाद शिवसेना के मंत्रियों प्रताप सरनाईक, गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट और भरत गोगावले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनके कक्ष में मुलाकात कर अपनी शिकायतें सामने रखीं। उन्होंने भाजपा द्वारा लगातार शिवसेना के स्थानीय नेताओं को तोड़कर अपने पाले में लाने पर नाराजगी जताई।

लेकिन सीएम फडणवीस भी पूरी तैयारी के साथ थे और उन्होंने शिवसेना मंत्रियों को याद दिलाया कि उल्हासनगर में सबसे पहले शिवसेना ने ही भाजपा के कई स्थानीय सदस्यों को अपनी पार्टी में शामिल किया था। उन्होंने कथित तौर पर शिवसेना नेताओं से कहा कि जब उनकी पार्टी अन्य सहयोगियों के सदस्यों को अपने पाले में लेती है, तो भाजपा द्वारा ऐसा करने पर उन्हें शिकायत नहीं करनी चाहिए।

खबर है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने ही कैबिनेट बैठक से अनुपस्थित रहने वाले शिवसेना के मंत्रियों को उन्होंने फटकार लगाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वह सूची भी पढ़कर सुनाई, जिसमें कौन से जिले में कौन सा नेता शामिल हुआ।

हालांकि मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा कि आगे से दोनों दल एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को नहीं लेंगे, ताकि गठबंधन में अनावश्यक तनाव न बढ़े।

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार की एनसीपी शामिल है। स्थानीय निकाय चुनाव (Maharashtra Local Bodies Elections) से पहले इस तरह की तनातनी गठबंधन की रणनीति और तालमेल पर सवाल खड़े कर रही है। आने वाले दिनों में यह खींचतान किस दिशा में जाएगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।