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Parimatch: गेमिंग ऐप के नाम पर ठगी, 350 करोड़ के लेनदेन का खुलासा, एक गिरफ्तार, 5 फरार

Online Gaming Scam: रायगढ़ साइबर पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिए की जा रही ठगी का पर्दाफाश करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Sep 26, 2025

online gaming and betting app racket

फर्जी गेमिंग ऐप से करोड़ों रुपये की ठगी, आरोपी गिरफ्तार (Photo: IANS)

महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसका लेनदेन करीब 350 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि उसके पांच साथी अभी फरार हैं।

रायगढ़ की पुलिस अधीक्षक आंचल दलाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम भारमल हनुमान मीणा (38) है, जिसने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर यह अवैध रैकेट पूरे देश में चलाया। जांच में सामने आया है कि पिछले दो महीनों में करोड़ों रुपये के लेनदेन के एवज में उसके रिश्तेदारों के बैंक खातों में रोजाना एक लाख रुपये कमीशन जमा किए जा रहे थे।

यह मामला तब सामने आया जब अलीबाग निवासी अमित जाधव (37) ने 9 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई। जाधव ने बताया कि चार महीने पहले उन्हें एम999 (AM 999), मधुर मटका (Madhur Matka) और परीमैच (Parimatch App) ऐप्स के विज्ञापन वाला मैसेज मिला था, जिसमें भारी मुनाफे का वादा किया गया था। 29 अगस्त को उसने एम999 ऐप में गेम खेलने के लिए 10,000 रुपये जमा किए। इसके बाद जाधव और उसके दोस्त ने परीमैच ऐप में खेलने के लिए कुल 50,000 रुपये ट्रांसफर किए। बाद में जब उन्हें पता चला कि ये ऐप भारत में अवैध हैं, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।

पुलिस ने धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया। इसके साथ ही महाराष्ट्र जुआ प्रतिबंध अधिनियम, 1887 के तहत भी कार्रवाई की गई। अब तक 44 फर्जी बैंक खातों का पता लगाया गया है और करीब 19.4 करोड़ रुपये फ्रीज किए जा चुके हैं।

रायगढ़ साइबर पुलिस की जांच में पता चला है कि APEXIO Ltd की निदेशक स्मितिका बोस की मिलीभगत से तीन चालू खाते खोले गए, जिनमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ। साइबर पुलिस को शक है कि इस पूरे रैकेट में कुछ बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों और नेताओं की भी मिलीभगत हो सकती है। फिलहाल मामले की गहन जांच चल रही है।

बता दें कि परीमैच ऐप की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कर रहा है। ईडी ने अब तक 500 फर्जी खातों में जमा 3,000 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। ईडी के मुताबिक, पैरीमैच ने खेल टूर्नामेंट की स्पॉन्सरशिप, मशहूर हस्तियों के साथ साझेदारी और आकर्षक इनामों का लालच देकर लोगों को फंसाया। भारत में ‘पैरीमैच स्पोर्ट्स’ और ‘पैरीमैच न्यूज’ नाम से कंपनियां बनाकर उसने विज्ञापन चलाए, जिनके भुगतान विदेश से आने वाली रकम से किए गए।