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निजी स्लीपर बसों की हड़ताल से फंसे यात्री

नागौर. राजस्थान में निजी स्लीपर बस संचालकों की ओर से की गई हड़ताल का असर सोमवार को नागौर में देखने को मिला। शाम के समय नागौर से अन्य शहरों को जाने वाले यात्री बसों के इंतजार में परेशान नजर आए।

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नागौर. बीकानेर की ओर जाने वाले निजी बस में चढ़ने का प्रयास करते यात्री। 

-सुरक्षा का मुद्दा या दबाव बनाने की रणनीति

नागौर. राजस्थान में निजी स्लीपर बस संचालकों की ओर से की गई हड़ताल का असर सोमवार को नागौर में देखने को मिला। शाम के समय नागौर से अन्य शहरों को जाने वाले यात्री बसों के इंतजार में परेशान नजर आए। इस दौरान आई एक-दो स्टेज कैरिज की बसों में यात्री खचाखच भरे थे। इसके बावजूद नागौर से बैठने वाले यात्री अंदर घुसने का प्रयास करते नजर आए तो कुछ यात्री गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोडिंग वाहनों में भी सवार हो गए।

गौरतलब है कि प्रदेश में अलग-अलग जगह बसों से हुए बड़े हादसों के बाद पुलिस एवं परिवहन विभाग ने कार्रवाई शुरू की है। जैसलमेर और मनोहरपुर में हुए हादसों के बाद परिवहन विभाग ने अवैध बस संचालन और खतरनाक बॉडी डिजाइन पर शिकंजा कसना शुरू किया है। इसके विरोध में निजी स्लीपर बस संचालकों ने बसों का संचालन बंद कर दिया है।

शादी शादी-ब्याह का समय

हड़ताल ऐसे समय पर की गई है जब देवउठनी एकादशी के अबूझ सावे पर हजारों लोग शादी-ब्याह में शामिल होने के लिए यात्रा कर रहे हैं। इस कारण नागौर से होकर निकलने वाली बसें सोमवार को नहीं आई तो यात्राी परेशान हुए। कुछ रेल से तो कुछ रोडवेज से रवाना हुए, लेकिन जिनको जानकारी नहीं थी या जाना जरूरी था, वे बस के इंतजार में बस स्टैण्ड पर इंतजार करते रहे। इस दौरान कुछ ऑटो चालक उन्हें रिंग रोड पर छोड़ने का ऑफर देते नजर आए, ताकि सीधी निकलने वाली बस मिल जाए।

लंबी दूरी के रूटों पर बढ़ेगी परेशानी

निजी स्लीपर बसों की हड़ताल का सीधा असर लंबी दूरी के महत्वपूर्ण रूटों पर पड़ा है। इसमें बीकानेर से चलकर नागौर होते हुए जोधपुर, जयपुर, अजमेर, ब्यावर, उदयपुर, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु और इंदौर जैसे शहरों की ओर जाने वाली बसों का संचालन प्रभावित हुआ है।

स्टेट कैरिज ऑपरेटर साथ में नहीं

स्टेज कैरिज बस ऑपरेटर संगठन ने स्पष्ट किया कि उनके संगठन की ओर से हड़ताल को लेकर कोई बैठक नहीं हुई है और न ही उन्होंने इसका समर्थन किया है। यानी सभी ऑपरेटर इस हड़ताल के पक्ष में नहीं हैं।