नागौर की गोपाल कृष्ण गोशाला पर पुलिस का छापा
नागौर. शहर के जोधपुर रोड पर संचालित गोपाल कृष्ण गोशाला (गो चिकित्सालय) पर पुलिस ने भारी जाब्ते के साथ बुधवार को दबिश देकर छापा मारा। हालांकि पुलिस कार्रवाई की भनक लगने के कारण गोशाला संचालक कुशालगिरी सहित अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए। जिसके कारण पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा, लेकिन पुलिस की ओर से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें बनाकर संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
गौरतलब है कि गोशाला के कर्मचारियों ने मंगलवार को बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र से जुंजाला धाम और खरनाल तेजाजी मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की बस पर लाठियों से हमला कर आतंक मचाया था। जिसके बाद पीडि़त पक्ष की ओर से बीरबलराम ने गोशाला संचालक कुशालगिरी व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर 14 जनों को गिरफ्तार किया था।
गलत नहीं है तो भागे क्यों?
मामला दर्ज होने के बाद मुख्य आरोपी कुशालगिरी सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर बुधवार को प्रकरण की जांच कर रहे नागौर वृत्ताधिकारी जतिन जैन (प्रशिक्षु आईपीएस) के नेतृत्व में सदर थाना, कोतवाली थाना, खींवसर थाना व पांचौड़ी पुलिस थाने के थानाधिकारियों एवं पुलिस जाब्ते के साथ पुलिस लाइन के जाब्ते को मिलाकर करीब 200 पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों ने दोपहर में दबिश दी। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले संचालक सहित अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने पूरे गोशाला परिसर की तलाश ली, इस दौरान पुलिस को कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। पुलिस ने गोशाला के सीसी टीवी कैमरे भी खंगाले, जिनसे कुछ महत्वपूर्ण सबूत हाथ लग सकते हैं। वृत्ताधिकारी जतिन जैन ने बताया कि आरोपियों का मौके से गायब होने का मतलब है कि कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है, यदि ऐसा नहीं होता तो वे भागते क्यों। पूरे मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
आए दिन रहते हैं विवादों
गोशाला संचालक कुशालगिरी आए दिन अपने बयानों को लेकर विवादों में रहते हैं। पहले भी कई बार थाने में शिकायतें दी गई हैं, लेकिन पूर्व में ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। कुछ समय पूर्व जाति विशेष के नाम लिखकर पुतले जलाने पर भी सदर थाने में रिपोर्ट दी गई थी, जिसके बाद गोशाला प्रबंधन ने खेद प्रकट किया था। सडक़ के दोनों तरफ अतिक्रमण करने को लेकर भी कई बार शिकायत दर्ज करवाई गई है।
पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की मांग हुई तेज
मारपीट की घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गोशाला में रहने वाले सभी कर्मचारियों व ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाने की मांग तेज कर दी है। बुधवार को पुलिस की दबिश के दौरान अधिकतर कर्मचारी गायब होने के बाद पुलिस का शक और बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि गो सेवा की आड़ में जिस तरह मनमर्जी करके राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित करके रखा है, उससे लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। वहीं मनमाफिक रूप से बेरिकेटिंग और दुकानें लगाने से हाइवे पर बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है।
पुलिस की कार्रवाई एक नजर
गोशाला पर दबिश - दोपहर 3:40 बजे
तलाशी - करीब एक घंटा
गोशाला से पुलिस रवाना हुई : 4.35 बजे
कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मी - 200 लगभग
थाने - 4 (सदर, कोतवाली, पांचौड़ी व खींवसर)
पंखे-कूलर चल रहे थे
पुलिस दबिश देने पहुंची तो गोशाला में गायों को चारा-पानी देने वाले श्रमिकों के अलावा कोई भी कर्मचारी नहीं मिला। सत्संग भवन सहित कंट्रोल रूम, ऑपरेशन थियेटर, चारा गोदाम सहित अन्य स्थानों पर पंखे-कूलर व एसी चल रहे थे। यानी पुलिस के पहुंचने से कुछ समय पहले ही कर्मचारी मौके से फरार हुए।
गोशाला पर दबिश दी, लेकिन कोई मिला नहीं
श्रद्धालुओं के साथ मारपीट को लेकर सदर थाने में मंगलवार को दर्ज हुए मामले को लेकर बुधवार को पुलिस ने दबिश दी, लेकिन मौके पर न तो आरोपी मिले और न ही अन्य कर्मचारी। पुलिस ने गोशाला परिसर की तलाशी भी ली, लेकिन मौके पर कुछ संदिग्ध नहीं मिला। आरोपियों की तलाश जारी है।
- जतिन जैन, वृत्ताधिकारी, नागौर
Published on:
25 Sept 2025 11:08 am
बड़ी खबरें
View Allनागौर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग