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पुरखों का इतिहास सहेजने की जरूरत, ताकि भावी पीढ़ी पढ़ सके गौरव गाथा

मेड़ता सिटी. वीर जयमल राठौड़ की जयंती पर मीरा नगरी भक्ति, शक्ति और शाैर्य से सराबोर नजर आई। समारोह में आए हर क्षत्रिय की आंखों में अपने पुरखों की शौर्य गाथाओं का गौरव झलक रहा था।

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मेड़ता सिटी. समारोह में मौजूद राजपूत समाज के लोग

मेड़ता सिटी. समारोह में मौजूद राजपूत समाज के लोग

- जयमल राठौड़ जयंती पर भक्ति, शक्ति व शौर्य से सराबोर रही मीरा नगरी

मेड़ता सिटी. वीर जयमल राठौड़ की जयंती पर मीरा नगरी भक्ति, शक्ति और शाैर्य से सराबोर नजर आई। समारोह में आए हर क्षत्रिय की आंखों में अपने पुरखों की शौर्य गाथाओं का गौरव झलक रहा था। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जब राजपूत समाज की ताकत का अहसास करवाया तो सभी में नई ऊर्जा देखने को मिली। उन्होंने समाज के लोगों से गांवाें में पूर्वजों के इतिहास को सहेजने का आह्वान किया।

शेखावत ने कहा कि जयमल राठौड़ ने पूरे सतानत धर्म की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी थी, इसलिए ऐसे महापुरुषों को सिर्फ समाज तक ही सीमित ना रखें। अगले जयंती समारोह में पूरा शहर यहां एकत्रित होना चाहिए, तभी इसकी सार्थकता सिद्ध होगी।

मीरा स्मारक तक निकाली शोभायात्रा

राजपूत समाज की ओर से राजपूत छात्रावास से मीरा स्मारक तक शोभायात्रा निकाली गई। समाज के पुरुष सफेद कुर्ता-पायजामा और केसरिया पगड़ी और महिलाएं पीत राजपूती पोशाक में शामिल हुईं। इस दौरान खुली जीप में जयमल राठौड़ की तस्वीर सजी थी। जयकारों के साथ शोभायात्रा मुख्य मार्गों से होती हुई मीरा स्मारक पहुंची। जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा की। पंजाब का रॉयल आर्मी पाइप बैंड आकर्षण रहा।

पैनोरमा में शुरू हुआ कार्यक्रम

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने चतुर्भुजनाथ के दर्शन करने के बाद मंदिर स्थित जयमल की प्रतिमा की विधिवत पूजा की। इसके बाद मीरा स्मारक पैनोरमा में समारोह शुरू हुआ। केंद्रीय मंत्री शेखावत, पूर्व राज्यपाल बदनौर, पूर्व सांसद गोपाल सिंह शेखावत ईडवा, विधायक लक्ष्मणराम मेघवाल, पालिकाध्यक्ष शोभा लाहोटी, संभागीय आयुक्त शक्तिसिंह खाखड़की, कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित सहित अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान बोर्ड परीक्षाओं की 65 व राजकीय सेवाओं में चयनित 35 प्रतिभाओं का सम्मान किया।

"70 साल में इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा '

समारोह में शेखावत ने कहा कि हमारी परम्परा-सभ्यता को 800 सालों तक मुगल और 150 साल तक अंग्रेज जितना नुकसान नहीं पहुंचा पाएं इससे ज्यादा नुकसान 70 साल में हो गया। हमारे इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया। इसके कारण युवा पीढ़ी हमारे गौरव और इतिहास से अनभिज्ञ है। उन्होंने कहा कि परिवार में शिक्षा, राजनीति के साथ संस्कार होना भी अनिवार्य है।

"हम रणबांकुरे तो है लेकिन राजनीति में पीछे'

बदनौर ने कहा कि समाज के प्रयासों से बेटियों में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता आई है। आज हमारी बेटियां हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। समाज की बेटियों को राजस्थान में मिल रहे 50 प्रतिशत आरक्षण का फायदा उठाना चाहिए। राजसमंद के पूर्व सांसद ईडवा ने कहा कि हम रणबांकुरे तो है लेकिन राजनीति में पीछे है। राजनीति के माध्यम से राजपूत समाज 36 कौम को साथ लेकर लोकतंत्र में अपनी ताकत का एहसास करा सकता है।

यह रहे मौजूद

समारोह में महेशपाल सिंह बडू, अभयसिंह भैंसड़ा, रामप्रताप सिंह गागुड़ा, भंवरसिंह लिलियां, भरत सिंह मेड़ास, आनंदसिंह चांदावत, शंकरसिंह गंठिया, कर्नल प्रताप सिंह गंठिया, हनुमानसिंह रासलियावास, मूलसिंह देवड़ा, बन्नेसिंह नेतड़िया, सुमेर सिंह रासलियावास, धनसिंह राठौड़ रासलियावास, विजयसिंह सिरसू, किशनसिंह चांपावत सहित समाज के सैंकड़ों महिला-पुरुष मौजूद रहे। समारोह में पूर्व राज्यपाल की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।