नरसिंहपुर. शहर से लगे ऐतिहासिक सिद्ध का झिरना क्षेत्र की खूबसूरती पर समीप का एक नाले की गंदगी ग्रहण लगा रही है। नाले को नगरपालिका ने पक्का कराया है, लेकिन इसमें प्लास्टिक, शराब की बोतलें फिकने से पानी का बहाव प्रभावित है। श्रद्धालु चाहते हैं कि इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए ठोस काम हो। यह धार्मिक परिसर अतिक्रमण की समस्या से भी जूझ रहा है। गौरतलब है कि सिद्ध के झिरना पर तपोनिष्ठ संत ब्रह्मचारी ने साधना की थी। मान्यताओं के अनुसार संत ब्रह्मचारी रोजाना सुबह स्नान के लिए नर्मदा तट जाते थे, लेकिन वृद्धावस्था आने पर नर्मदा घाट तक जाना उनके लिए मुश्किल हो गया था। इसलिए उन्होंने मां नर्मदा का आवाहन किया। मान्यता है कि तभी से इस स्थान पर गुप्त स्वरूप में झिर के माध्यम से नर्मदा जल प्रवावित हो रहा है। यहां पर बने तीन बड़े कुंड हैं, जिनसे होकर अन्य छोटे कुंडों में स्वत: ही जल पहुंचता है। करीब 20 साल पहले नगरपालिका ने इस क्षेत्र का जीर्णोद्धार कराया था। इसके बाद से यहां सौंदर्यीकरण के खास काम नहीं हुए।नरसिंहपुर
… ताकि संवर जाए धार्मिक स्थल
शहर के आनंद श्रीवास्तव, देवेंद्र पाठक, शिवशंकर विश्वकर्मा, वैभव श्रीवास्तव आदि नागरिक सिद्ध के झिरना जैसे ऐतिहासिक स्थल को संजोने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार यदि इस स्थल को व्यवस्थित कर दिया जाए तो इससे यहां आम शहरियों का परिवार समेत आना-जाना बढ़ जाएगा। इस स्थल तक सीधी पहुंच के लिए जो रास्ता है, उसे नाला पार करके जाना पड़ता है। नाले पर अस्थाई पुलिया जरूर है, लेकिन खुले पड़े नाले में गंदगी से बदबू उठती रहती है। नगरपालिका प्रशासन समेत जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
सिद्ध के झिरना क्षेत्र का पिछले दिनों मैंने मुआयना किया था। यहां नाले की सफाई के अलावा इस पर हम जालियां लगवाने की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं। इसके सौंदर्यीकरण के लिए हर जरूरी काम किए जाएंगे।
नीलम चौहान, सीएमओ, नगरपालिका नरसिंहपुर
Published on:
06 Mar 2025 06:38 pm
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