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दलित छात्र के साथ एक साल से शिक्षक कर रहे मारपीट, शौचालय में ले जाकर पैंट में छोड़ा बिच्छू

शिमला जिले में सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक और दो शिक्षकों पर छात्र के साथ मारपीट करने का पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

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शिमला

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Ashib Khan

Nov 02, 2025

सरकारी स्कूल में दलित लड़के के साथ हुई मारपीट

सरकारी स्कूल में दलित लड़के के साथ हुई मारपीट (File Photo)

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा दलित छात्र के साथ मारपीट और उसके पैंट में बिच्छू छोड़ने का मामला सामने आया है। दरअसल, स्कूल में प्रधानाध्यापक और दो अन्य शिक्षक छात्र का शारीरिक उत्पीड़न भी करते थे। पीड़ित छात्र के पिता की शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

बच्चे के कान से बहने लगा खून

बता दें कि पूरा मामला रोहड़ उप मंडल के खड़ापानी इलाके के सरकारी प्राथमिक स्कूल का है। पीड़ित पिता ने पुलिस को दी शिकायत में प्रधानाध्यापक और दो अन्य शिक्षकों पर आरोप लगाया है। पिता ने कहा कि वे लगभग एक साल से उसके बेटे के साथ अक्सर मारपीट करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिटाई की वजह से बच्चे के कान से खून बहने लगा और एक बार तो उसके कान का पर्दा भी क्षतिग्रस्त हो गया।

पैंट में छोड़ा बिच्छू

पीड़ित पिता ने यह भी आरोप लगाया कि उसके बेटे को शिक्षक स्कूल के शौचालय में ले गए और वहां पर उसके पैंट में बिच्छू छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने शिकायत दर्ज नहीं करने की धमकी भी दी थी। पिता ने बताया कि 30 अक्टूबर को प्रधानाध्यापक ने बच्चे को स्कूल से निकालने की धमकी दी। प्रधानाध्यापक ने बच्चे से उसके परिवार के बारे में कहा, "हम तुम्हें जला देंगे।"

साथ ही छात्र के पिता को भी चेतावनी दी गई कि वे पुलिस में शिकायत दर्ज न कराएं और न ही सोशल मीडिया पर घटना के बारे में पोस्ट करें, अन्यथा उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ेगी ।

उन्होंने स्कूल के शिक्षकों पर जातिगत भेदभाव का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भोजन के दौरान नेपाली और हरिजन (दलित) छात्रों को राजपूत छात्रों से अलग बैठाया जाता था।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

पीड़ित पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के तहत बंधक बनाने, हमला करने और आपराधिक धमकी देने तथा किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चे के प्रति क्रूरता के लिए मामला दर्ज किया है। वहीं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई हैं।