
राजद नेता तेजस्वी यादव। (फोटो- IANS)
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग समाप्त हो गई है। अब 14 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे। फिलहाल, जो एग्जिट पोल जारी किए गए हैं, उसमें एकतरफा रुझान दिख रहे हैं।
ज्यादातर एग्जिट पोल्स के अनुसार, बीजेपी-जेडीयू गठबंधन वाली एनडीए को बिहार में स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना है, जबकि आरजेडी-कांग्रेस वाली महागठबंधन (एमजीबी) दूसरे स्थान पर रह सकती है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) का डेब्यू निराशाजनक रहा, जहां उसे 0-3 सीटें ही मिलने का अनुमान है।
इस बीच, फलोदी सट्टा बाजार के आंकड़ों ने सबको हैरान कर दिया है। वह चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल्स से सबसे अलग बता रहा है।
फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक, बिहार में इस बार तेजस्वी यादव की सरकार बन सकती है। इसने अनुमान लगाया है कि इस बार राजद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है।
फलोदी सट्टा बाजार के अनुसार, बिहार में इस बार एनडीए को 105 से 135 सीटें मिल सकती हैं। जबकि महागठबंधन को 97 से 127 सीटें मिलने का अनुमान है।
बता दें कि बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरुरत होती है। अगर महागठबंधन 127 सीट जीतने में कामयाब रहा तो इस बार बाजी पलट सकती है।
फलोदी सट्टा बाजार के आंकड़ों में यह भी दावा किया गया है कि आरजेडी इस बार लगभग 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है।
वहीं, इस बार बिहार में बीजेपी दूसरे नंबर और नीतीश कुमार की जेडीयू तीसरे नंबर पर रह सकती है। सट्टा बाजार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर एनडीए को बहुमत मिलता है तो इस बार नीतीश कुमार के सीएम बनने के चांस कम हैं।
नीतीश के सीएम बनने का चांस सिर्फ 60 प्रतिशत है। वहीं, बीजेपी की ओर से सीएम कैंडिडेट घोषित करने की संभावना भी 20 से 25 फीसदी है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एग्जिट पोल्स केवल एक ट्रेंड दिखाते हैं, न कि अंतिम नतीजे। 2020 में भी कई पोल्स गलत साबित हुए थे। इसलिए, इसे जीत का आधार नहीं माना जा सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 243 सीटों के लिए हुए इस चुनाव में रिकॉर्ड 67.14% से अधिक वोटिंग दर्ज की गई, जो राज्य के इतिहास की सबसे ऊंची टर्नआउट है। महिलाओं का मतदान प्रतिशत (71.6%) पुरुषों (62.8%) से अधिक रहा।
Published on:
12 Nov 2025 07:49 am
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