
ED की छापेमारी (IANS)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को रांची के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) नरेश केजरीवाल के ठिकानों पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) और मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधानों के तहत बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने रांची, मुंबई और सूरत में कुल 15 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। यह झारखंड में FEMA के तहत ईडी की पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
सुबह से शुरू हुई छापेमारी देर शाम तक जारी रही, जिसमें ईडी की टीमों ने रांची के चर्च कॉम्प्लेक्स स्थित केजरीवाल के आवास और कार्यालय से कई अहम दस्तावेज खंगाले। जांच का फोकस उनके वित्तीय लेन–देन और संदिग्ध विदेशी मुद्रा ट्रांजैक्शन्स पर रहा।
ईडी ने न केवल केजरीवाल के, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और बिजनेस एसोसिएट्स से जुड़े परिसरों की भी तलाशी ली। यह कार्रवाई आयकर विभाग की उस जांच के बाद तेज हुई, जिसमें खुलासा हुआ था कि केजरीवाल ने यूएई, नाइजीरिया और अमेरिका में कई अघोषित विदेशी शेल कंपनियों में निवेश किया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि इन कंपनियों का संचालन भारत से ही हो रहा था, जिससे उनके उद्देश्य और लेन–देन की प्रकृति पर गंभीर सवाल उठे। जांच एजेंसियों ने इन विदेशी निवेशों, बैंक खातों और वित्तीय लेन–देन से जुड़ी अहम जानकारी जुटाई, जिसके आधार पर ईडी ने FEMA के तहत छापेमारी शुरू की।
इधर, ईडी ने साहिबगंज के लगभग ₹1,000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले की जांच भी तेज कर दी है। इसी कड़ी में एजेंसी ने 11 लोगों को समन भेजा है, जिनमें खनन अधिकारी, बिजनेसमैन और ठेकेदार शामिल हैं। इन्हें पूछताछ के लिए ईडी के रांची कार्यालय में पेश होने को कहा गया है। यह जांच ECIR नंबर 85/2020 पर आधारित है। 30 जून 2025 तक ईडी इस मामले में 5 सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेस कर चुकी है, जिससे जांच अब अंतिम चरण में मानी जा रही है।
झारखंड में FEMA के तहत ईडी की पहली बड़ी रेड
कई विदेशी शेल कंपनियों में अघोषित निवेश के गंभीर आरोप
अवैध खनन घोटाले में अब तक की सबसे तेज कार्रवाई
कई उच्च–प्रोफ़ाइल व्यक्तियों से पूछताछ की तैयारी
Published on:
02 Dec 2025 03:27 pm
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