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“तुम्हारे जैसे लोगों को रिप्लेस करना मुश्किल नहीं”: बॉस के कमेंट पर कर्मचारी ने छोड़ी नौकरी, और बदल गई पूरी कहानी

Toxic workplace resignation: एक कर्मचारी ने बॉस की "रिप्लेस करने लायक हो" टिप्पणी के बाद नौकरी छोड़ दी। इस घटना ने सोशल मीडिया पर कार्यस्थल में इज़्ज़त और टॉक्सिक कल्चर के बारे में नई बहस छेड़ दी है।

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भारत

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MI Zahir

Aug 24, 2025

Toxic workplace resignation

भारत में एक कार्यस्थल के बारे में की गई पोस्ट ने लोगों में रुचि जगा दी है। (फोटो: X Handle bails)

Toxic workplace resignation: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक पोस्ट ने लोगों का ध्यान खींचा है, जहां भारत में प्राइवेट सैक्टर के एक कर्मचारी ने अपने बॉस की अभद्र टिप्पणी के बाद नौकरी छोड़ने (Toxic workplace resignation) का अनुभव शेयर किया। पोस्ट के मुताबिक, बॉस ने बार-बार ताना मारा, "तुम्हारे जैसे लोगों को रिप्लेस करना मुश्किल नहीं।" इस तरह की टिप्पणी से तंग आकर उस कर्मचारी ने अगली ही सुबह इस्तीफा (Employee quits viral story) दे दिया। कर्मचारी ने लिखा कि इस्तीफे के बाद पूरी स्थिति ही बदल गई। उन्होंने इस्तीफा बॉस की टेबल पर रखा और कहा, "शुभकामनाएं, एक महीने में मेरा रिप्लेसमेंट (Replaceable employee incident) ढूंढ लीजिए।" इसके कुछ ही घंटों बाद एचआर का कॉल आया और उन्होंने काउंटर ऑफर की बात की। कर्मचारी ने यह भी कहा कि उसी पल उन्हें एहसास हुआ कि "कभी-कभी असली ताकत चुपचाप चले जाने में होती है।"

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

रेडिट पर इस पोस्ट पर हज़ारों लोगों ने प्रतिक्रिया दी। कई लोगों ने इसे वर्कप्लेस की टॉक्सिक (जहरीली) संस्कृति का उदाहरण बताया।

काउंटर ऑफर मत स्वीकार करो

एक यूज़र ने सलाह दी: "काउंटर ऑफर मत स्वीकार करो। अगर बॉस को आपकी क़ीमत इस्तीफे के बाद समझ में आए, तो वह असली क़द्र नहीं करता।"

परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट प्लान

दूसरे ने कहा: "वे सिर्फ इसलिए काउंटर ऑफर दे रहे हैं क्योंकि अभी कोई नया व्यक्ति नहीं मिला है। जैसे ही मिल जाएगा, आपको PIP (परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट प्लान) में डाल सकते हैं।"

बॉस का अहंकार सोचने पर मजबूर करे

तीसरे यूज़र ने भी सतर्क रहने को कहा: "बॉस का अहंकार उसे यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि वह आपको काबू में रखे और बाद में बाहर का रास्ता दिखा दे।"

कुछ ने शेयर किया अपना अनुभव

हालांकि, एक अन्य यूज़र ने कहा कि उन्होंने काउंटर ऑफर स्वीकार किया था और वहां उनका अनुभव अच्छा रहा। इसका मतलब ये भी है कि हर अनुभव अलग होता है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।

जॉब में कभी भी अनादर बर्दाश्त न करें

एक और ने कहा: " जॉब में कभी भी अनादर बर्दाश्त न करें। ऐसे ही मैनेजर लोगों को जॉब छोड़ने पर मजबूर करते हैं। उम्मीद है कि आपको पहले ही कोई ऑफर मिल गया होगा।"

काम के माहौल पर नई बहस शुरू

इस घटना ने भारत में कार्यस्थलों की संस्कृति को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। सवाल यह है कि क्या कर्मचारी सिर्फ इसलिए सब कुछ सहें क्योंकि उन्हें विकल्प नहीं दिखते ? या फिर आत्मसम्मान के लिए खड़े होना ज़्यादा ज़रूरी है?

समय रहते फैसला लेना बेहतर है

बहरहाल हर कर्मचारी चाहता है कि उसकी मेहनत की सराहना हो और उसे इज्जत मिले। अगर कोई मैनेजर बार-बार ये जताए कि आप बदले जा सकते हैं, तो ये एक साफ संकेत है कि समय रहते फैसला लेना बेहतर है। और जैसे इस कर्मचारी ने बताया -कभी-कभी सबसे मजबूत कदम होता है "बस चुपचाप चले जाना।"