
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Photo-IANS)
Security of Russian President Vladimir Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की विदेश यात्राओं को किसी किले जैसी सुरक्षा घेरे में लपेटा जाता है। जहर, जासूसी और हमलों के खतरे से बचने के लिए रूस की खुफिया एजेंसी एफएसओ (फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस) हर कदम पर सतर्क रहती है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन के ‘शौच संग्रह सूटकेस’ से लेकर मोबाइल फूड लैब तक, उनकी सुरक्षा के ये अनोखे तरीके दुनिया को हैरान कर देते हैं। ये प्रोटोकॉल सोवियत काल से चले आ रहे हैं, जब स्टालिन ने माओ त्से-तुंग के मल का विश्लेषण करवाया था।
पुतिन की सबसे चौंकाने वाली सुरक्षा प्रथा उनका ‘पूप सूटकेस’ है। विदेश यात्रा के दौरान उनके बॉडीगार्ड्स उनका मल एकत्रित करते हैं, उसे विशेष बैग में सील करते हैं और एक ब्रिफकेस में रूस वापस ले जाते हैं। इसका कारण? विदेशी जासूस उनके मल का विश्लेषण कर स्वास्थ्य संबंधी गोपनीय जानकारी हासिल कर सकते हैं। 2022 में पेरिस मैच और द इंडिपेंडेंट ने इसे पहली बार रिपोर्ट किया था। फ्रांस (2017), सऊदी अरब (2019) और हेलसिंस्की समिट (अमेरिका) जैसी यात्राओं में यह देखा गया। पूर्व बीबीसी पत्रकार फरीदा रुस्तामोवा के अनुसार, पुतिन हमेशा निजी बाथरूम या पोर्टेबल टॉयलेट ही इस्तेमाल करते हैं। यह प्रथा उनके राष्ट्रपति बनने की शुरुआत से चली आ रही है। कोल्ड वॉर के दौरान ब्रिटिश एजेंट्स सोवियत सैनिकों के टॉयलेट पेपर की जांच करते थे – उसी ऐतिहासिक जोखिम से यह प्रोटोकॉल प्रेरित है।
पुतिन का भोजन रूसी शेफ्स तैयार करते हैं, जो मिलिट्री ट्रेनिंग प्राप्त और हथियार चलाने में माहिर होते हैं। क्रेमलिन में ही सामग्री की सघन जांच होती है। विदेश में एक एडवांस टीम होटलों का निरीक्षण कर स्थानीय खाना हटाती है और रूसी सामान लगाती है। बॉडीगार्ड्स भोजन को पहले ‘टेस्ट’ करते हैं। पुतिन को बैंगन का ऐपेटाइजर, ओलिवियर सलाद, जंगली जानवरों का लिवर और गुलाब की कुल्फी या अदरक की चाय पसंद है। वे फास्ट फूड, रात का मीट और शराब से परहेज करते हैं। राष्ट्रपति प्रशासन में रोजाना विशेष सफाई होती है। एक मोबाइल लैब उनके साथ चलती है, जो भोजन और आसपास के वातावरण में जहर की तुरंत जांच करती है।
पुतिन का विमान इल्यूशिन IL-96-300PU, जिसे ‘फ्लाइंग प्लूटो’ कहा जाता है, मिसाइल प्रोटेक्शन, न्यूक्लियर स्ट्राइक ऑथराइजेशन सिस्टम, मेडिकल सेंटर, जिम और बार से लैस है। दो बैकअप प्लेन और फाइटर जेट्स साथ उड़ते हैं। जमीन पर उनकी कार ऑरस सेनाट है – बुलेटप्रूफ, ग्रेनेड-रेसिस्टेंट, इमरजेंसी ऑक्सीजन, फायर सप्रेशन सिस्टम और 249 किमी/घंटा स्पीड पर भी चलने वाली। आपातकाल में गार्ड्स मानव ढाल बन जाते हैं।
एफएसओ की प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस (एसबीपी) के गार्ड्स 35 साल से कम उम्र के, 180 सेमी से लंबे, फिट और बहुभाषी होते हैं। वे पुतिन की हेल्थ, रूटीन या मूवमेंट्स का खुलासा नहीं कर सकते। 100 सदस्यीय टीम में स्नाइपर्स, ड्रोन ऑपरेटर्स और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस यूनिट्स शामिल हैं। यात्रा से दो हफ्ते पहले पूरी टीम क्वारंटीन में रहती है। 2025 में किम जोंग उन को करीब न आने देने का वाकया इसी टीम का था। कई गार्ड्स मार्शल आर्ट्स चैंपियन हैं।
होटलों में रूसी टीम स्थानीय सामान हटाती है, अलग लिफ्ट अलॉट होती है। पुतिन मोबाइल फोन से परहेज करते हैं, कभी स्पेशल ट्रेन इस्तेमाल करते हैं। पब्लिक इवेंट्स में हैंडहेल्ड एंटी-ड्रोन इंटरसेप्टर्स साथ होते हैं।
ये सुरक्षा उपाय 1996 में बनी एफएसओ की विरासत हैं, जो केजीबी से निकली है। पुतिन की ‘क्लोज्ड लाइफस्टाइल’ जासूसी, हेल्थ प्राइवेसी और शासन की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। पूर्व गार्ड्स अक्सर सीनियर पोस्ट पर पहुंचते हैं, जो गहरे विश्वास को दर्शाता है। वैश्विक तनावों के बीच ये प्रोटोकॉल पुतिन को ‘अनटचेबल’ बनाते हैं।
Published on:
03 Dec 2025 10:53 pm
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