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महात्मा गांधी ने कभी नहीं किया हवाई जहाज में सफर! जानें उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें

Mahatma Gandhi Interesting Facts: महात्मा गांधी जी की सादगी उनकी जीवनशैली में झलकती थी। गुस्से में वे उपवास कर लेते थे, खाना छोड़कर मन की शांति ढूंढते थे।

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Mahatma Gandhi Interesting Facts

महात्मा गांधीजी के बारे में रोचक तथ्य (Photo-Patrika)

Gandhi Jayanti 2025: 2 अक्टूबर को देश 156वीं गांधी जयंती मना रहा है। अहिंसा और सत्य के पुजारी मोहनदास करमचंद गांधी ने भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। गुजरात के पोरबंदर में 1869 में जन्मे गांधी जी की सादगी और सिद्धांत आज भी दुनिया को प्रेरित करते हैं। इस खास मौके पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी और रोचक बातें, जो उनके व्यक्तित्व को और गहराई देती हैं।

स्कूल में औसत, फिर भी असाधारण

— महात्मा गांधी स्कूल में अंग्रेजी में मेधावी थे, लेकिन गणित में औसत और भूगोल में कमजोर। उनकी लिखावट बेहद सुंदर थी, जो उनकी सादगी और अनुशासन को दर्शाती थी।
— कम लोग जानते हैं कि चंपारण (बिहार) में उन्होंने अशिक्षा के खिलाफ जंग लड़ी और बड़हरवा लखनसेन में एक स्कूल खोला, जहां उन्होंने स्वयं पढ़ाया। यह स्कूल आज भी उनकी विरासत को संजोए हुए है।

सादगी और उपवास का अनोखा रिश्ता

— गांधी जी की सादगी उनकी जीवनशैली में झलकती थी। गुस्से में वे उपवास कर लेते थे, खाना छोड़कर मन की शांति ढूंढते थे।
—उनके नकली दांत भी उनकी धोती में लिपटे रहते, जिन्हें वे केवल खाने के समय इस्तेमाल करते।
— फोटो खिंचवाना उन्हें पसंद नहीं था, फिर भी उनकी तस्वीरें आज विश्व प्रसिद्ध हैं।

परंपराओं से प्रेरणा, असफलता से सीख

— गांधी जी श्रवण कुमार की कहानी और हरिश्चंद्र के नाटक से गहरे प्रभावित थे, जिन्होंने उनके सत्य और अहिंसा के रास्ते को मजबूत किया।
— वकालत शुरू करने पर उनका पहला केस हार गया, लेकिन उन्होंने हार से हिम्मत नहीं खोई।
— 1934 में भागलपुर भूकंप पीड़ितों के लिए उन्होंने अपने ऑटोग्राफ के बदले पांच रुपये लिए, जो उनकी सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है।

वैश्विक सम्मान, फिर भी अधूरी चाह

— 1930 में टाइम मैगजीन ने गांधी जी को 'मैन ऑफ द ईयर' चुना।
— रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'महात्मा' की उपाधि दी, तो सुभाष चंद्र बोस ने 1944 में सिंगापुर रेडियो पर 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया।
— पांच बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित होने के बावजूद, 1948 में उनकी हत्या से पहले यह सम्मान उन्हें नहीं मिल सका।

आजादी के जश्न से दूर, अनशन में डूबे

— 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ, गांधी जी दिल्ली में नहीं थे।
— वे नोआखली (बंगाल) में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ अनशन कर रहे थे। बंटवारे से दुखी गांधी जी ने उस दिन 24 घंटे का उपवास रखा। उनकी अनुपस्थिति आजादी के जश्न में एक गहरी खामोशी थी।
— उनकी शवयात्रा में 10 लाख लोग शामिल हुए और 15 लाख सड़कों पर खड़े थे, जो उनके प्रभाव को दर्शाता है।

अनूठी बातें: हवाई जहाज से परहेज, सड़कों पर नाम

— गांधी जी ने कभी हवाई जहाज में सफर नहीं किया और न ही अमेरिका गए।
— उनकी सादगी ऐसी थी कि वे सत्य और अहिंसा के रास्ते पर पैदल ही चले।
— भारत में 53 और विदेश में 48 सड़कें उनके नाम पर हैं, जो उनकी वैश्विक पहचान को रेखांकित करती हैं।