
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया
Karnataka Politics: कर्नाटक में कांग्रेस नेताओं के बीच (Congress) सीएम की कुर्सी को लेकर लड़ाई बढ़ती जा रही है। डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनके समर्थक कई दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) भी अपनी कुर्सी बचाने की पूरी जद्दोजहद कर रहे हैं। इन सबके बीच वोक्कालिगा समुदाय के प्रमुख मठ आदिचुंचनगिरी मठ की एंट्री हो गई है।
आदिचुंचनगिरी मठ के प्रमुख निर्मलानंद नाथ स्वामी ने कहा है कि डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को सूबे की सत्ता के शीर्ष पद को लेकर जल्द फैसला लेने का अल्टीमेटम भी दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह टीवी पर लगातार राजनीतिक घटनाक्रम देख रहे हैं।
निर्मलानंद नाथ स्वामी ने कहा ने कहा कि वोक्कालिगा मठ हमेशा सभी समुदायों का सम्मान और सहयोग करता आया है। डीके शिवकुमार भी कई बार मठ आए, लेकिन उन्होंने कभी भी समर्थन नहीं मांगा या लॉबिंग नहीं। हमने पहले भी डीके शिवकुमार को ही अपना मुख्यमंत्री चुना था, लेकिन बात नहीं बनी। कहा गया था कि दो साल बाद होगा, पर अब तक वह भी नहीं हुआ है। इससे हमें दुख पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार योग्य व्यक्ति हैं। उन्हें मौका मिलना चाहिए। वोक्कालिगा मठ के प्रमुख ने डीके शिवकुमार को कांग्रेस का अनुशासित सिपाही बताते हुए कहा कि तमाम संकटों के बावजूद शिवकुमार ने पार्टी नहीं छोड़ी। कांग्रेस हाईकमान को चाहिए कि उन्हें जल्द मुख्यमंत्री बना दे। बताया जा रहा है डीके शिवकुमार जल्द ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। कर्नाटक की सियासत में वोक्कालिगा समुदाय को लिंगायत के बाद दूसरा किंगमेकर माना जाता है। राज्य की कुल आबादी में वोक्कालिगा की लगभग 16 फीसदी हिस्सेदारी है। पुराने मैसूर क्षेत्र (दक्षिण कर्नाटक) के 10-12 जिलों में वोक्कालिग्गा बहुत प्रभावी हैं। ऐसे में डीके शिवकुमार कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी विकल्प हो जाते हैं। क्योंकि राज्य का सबसे बड़ा समुदाय लिंगायत का झुकाव परंपरागत रूप से बीजेपी की तरफ रहा है। कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय के अब तक 6 मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
Published on:
27 Nov 2025 10:07 am
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