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कांग्रेस के सामने अब नया संकट! खरगे को CM बनाने की मांग, 2 बड़े नेताओं की लड़ाई के बीच सोनिया गांधी तक पहुंचा पत्र

कर्नाटक में सियासी घमासान तेज है। डीके शिवकुमार के समर्थक दिल्ली में सीएम पद के लिए जोर लगा रहे हैं। वहीं सिद्धरमैया पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहने पर अड़े हैं।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Photo-IANS)

कर्नाटक की राजनीति में अब नया मोड़ आ गया है। एक तरफ उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक अपने नेता को सीएम की कुर्सी पर बिठाने के लिए दिल्ली में पूरा जोर लगा रहे हैं।

वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अपना पद किसी भी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वह बार बार कह रहे हैं कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। इस बीच, एक और दिलचस्प बात सामने आई है।

दलित चेहरा हैं खरगे

कांग्रेस नेताओं का एक समूह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पीछे लामबंद हो रहा है। उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहा है।

दरअसल, खरगे कर्नाटक में बड़ा दलित चेहरा हैं। पिछले कई सालों से लोग कर्नाटक में सीएम पद पर किसी दलित को चेहरे को बिठाने की मांग कर रहे हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक कई पत्र पहुंचे हैं। जिसमें कर्नाटक कांग्रेस के पदाधिकारियों, पूर्व विधायकों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, सोशल एक्टिविस्ट और नागरिकों समेत असरदार आवाजों ने खरगे को सीएम बनाने की अपील की है।

22 नवंबर को लिखा गया पत्र

22 नवंबर को लिखे और दिल्ली-बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर सर्कुलेट हुए इस लेटर में कहा गया है कि लीडरशिप में दलितों के दशकों से कम रिप्रेजेंटेशन को ठीक करने का यह ऐतिहासिक मौका है।

लेटर में 1956 में कर्नाटक बनने के बाद से किसी दलित सीएम की कमी पर दुख जताया गया है। कहा गया है कि इस कम्युनिटी की कांग्रेस के प्रति पक्की वफादारी है।

नेताओं ने कहा- खरगे सीएम पद के लिए एक काबिल लीडर हैं। उनका लंबा अनुभव, ईमानदारी और कर्नाटक के लोगों के साथ गहरा जुड़ाव उन्हें इस समय राज्य को गाइड करने के लिए एकदम सही बनाता है।

दो नेताओं के बीच मुख्य लड़ाई

बता दें कि इस वक्त सीएम पद को लेकर मुख्य लड़ाई शिवकुमार और सिद्दारमैया के बीच है। शिवकुमार प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में लाने का क्रेडिट पाने वाले जाने-माने वोक्कालिगा नेता हैं। नागा साधुओं के एक ग्रुप ने शनिवार को शिवकुमार से उनके घर पर मुलाकात की थी, उन्हें आशीर्वाद दिया और सीएम की सीट पर बैठने की रिक्वेस्ट की।

क्या था ढाई साल का फॉर्मूला

कर्नाटक कांग्रेस में लंबे समय से चर्चा में चल रहा ‘ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला’ फिर सुर्खियों में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार 2023 विधानसभा चुनाव के बाद यह सहमति बनी थी कि पहले 2।5 साल सिद्धारमैया और उसके बाद डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री रहेंगे। अब खबरें हैं कि सिद्धारमैया पूरे पांच साल पद पर बने रहना चाहते हैं।

इस विवाद पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने स्पष्ट किया- मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कभी नहीं कहा कि वे सिर्फ ढाई साल के लिए सीएम बने रहेंगे। बीच में बदलाव होगा या नहीं, यह फैसला पूरी तरह हाईकमान पर छोड़ा गया है। हम खुद कोई बदलाव नहीं कर सकते। अगर ऐसी कोई स्थिति आती है तो कांग्रेस आलाकमान ही अंतिम निर्णय लेगा।