
कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पीएम मोदी। (Photo: IANS)
PM CM removal Bill: वैसे तो शशि थरूर और कांग्रेस पार्टी के बीच वर्ष 2021 से ही संबंध असहज होने लगे थे लेकिन पहलगाम आतंकी घटना के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिए जाने के बाद से नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की प्रशंसा करने वाले बयानों के बाद से कांग्रेस पार्टी (Congress) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) दोनों ही अलग रास्तों पर चलते हुए नजर आ रहे हैं। शशि थरूर ने बुधवार को एक बार फिर पार्टी लाइन से अलग राय रखी। इस बार उन्होंने आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से बलपूर्वक हटाने के प्रस्ताव वाले विधेयक (The Constitution (130th Amendment) Bill, 2025) पर अपनी राय व्यक्त की।
गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा संसद में संविधान में संशोधन विधेयक 2025 पेश करेंगे। इस विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि प्रधानमंत्री से लेकर किसी भी मंत्री को जिसे लगातार 30 दिनों से अधिक समय तक गिरफ्तार किया गया हो और जेल में रखा गया हो उसे 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या बर्खास्त किया जा सकेगा।
विपक्ष ने इस विधेयक की कड़ी आलोचना की है। इस कड़ी में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने इसे "कठोर" विधेयक बताया है। उन्होंने कहा, "कल आप किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज कर सकते हैं और उसे बिना दोषसिद्धि के 30 दिनों के लिए गिरफ्तार कर सकते हैं और वह मुख्यमंत्री नहीं रहेगा? यह पूरी तरह से संविधान विरोधी है।"
विपक्ष के नेता और सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर से अपनी पार्टी कांग्रेस से अलग अपनी राय व्यक्त की है। एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, "अगर आप 30 दिन जेल में बिताएं, तो क्या आप मंत्री बने रह सकते हैं? यह सामान्य ज्ञान की बात है। मुझे इसमें कुछ भी ग़लत नहीं लगता।"
विपक्ष के सामान्य हंगामे और विरोध के बाद 20 अगस्त की सुबह संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई तो विधेयक को आगे की जांच के लिए संभवतः प्रवर समिति के पास भेजा जाएगा। इस बारे में थरूर ने कहा कि अगर विधेयक को अध्ययन के लिए भेजा जाता है तो यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है… तो आइए, इस पर चर्चा करें।"
Published on:
20 Aug 2025 02:28 pm
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