
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Photo-IANS)
Winter session of Parliament:संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को भी काफी हंगामेदार रहा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर तत्काल बहस की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन वह विपक्ष की तय समयसीमा के तहत काम नहीं करेगी।
किरेन रिजिजू की यह टिप्पणी संसद के शीतकालीन सत्र की गरमागरम शुरुआत के बाद आई है, जिसमें विपक्ष इस विवादास्पद प्रक्रिया पर तत्काल विचार-विमर्श की मांग कर रहा है। इसके कारण दोनों सदनों में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा से वॉकआउट किया और मांग की कि सदन में SIR पर बहस को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि लोग SIR के कारण मर रहे हैं, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि पहले ‘वंदे मातरम’ पर निर्धारित चर्चा होगी। रिजिजू ने कहा कि वंदे मातरम हमारे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा मामला है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उच्च सदन में SIR पर तत्काल चर्चा की मांग की थी। इसके जवाब में रिजिजू ने कहा कि कृपया किसी भी विषय पर समय-सीमा की शर्त न रखें। उन्होंने कहा कि सदन द्वारा इस मामले को उठाने से पहले विभिन्न दलों के नेताओं के साथ औपचारिक या अनौपचारिक रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि संसद को संवाद के जरिए चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्या तब शुरू होती है जब आप समय पर सवाल उठाने लगते हैं। सब कुछ यांत्रिक नहीं हो सकता। संसदीय लोकतंत्र में हमें संवाद में शामिल होना होगा।
रिजिजू ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आप चुनाव नहीं जीत पा रहे हैं, लोग आप पर विश्वास नहीं करते और आप संसद में अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। यह सही नहीं है।
राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने कहा कि विपक्षी नेताओं के साथ बैठकें शीघ्र ही होंगी। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि बहुत जल्द विपक्षी नेताओं के साथ एक बैठक होने वाली है और बहुत जल्द हम निर्णय लेंगे। उन्होंने रिजिजू के इस आश्वासन का समर्थन किया कि विचार-विमर्श के बाद हम वापस आएंगे।
आपको बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों द्वारा SIR पर तत्काल बहस की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। यह मुद्दा 27 अक्टूबर से विपक्ष के हमलों का केंद्र बना हुआ है, जब चुनाव आयोग ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची संशोधन का दूसरा चरण शुरू किया था, जिसके अंतर्गत देश के लगभग आधे मतदाता शामिल थे।
Published on:
02 Dec 2025 04:40 pm
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