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दिल्ली धमाका मामले में एक और खुलासा, ऐप पर शेयर होते थे नक्‍शे और धमाके के प्लान‌

Delhi Car blast: एजेंसियां अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि यह निजी सर्वर भारत में कहीं स्थापित था या विदेश में होस्ट किया गया था। साथ ही क्या मॉड्यूल के बाहर के अन्य सदस्य भी इसकी पहुंच रखते थे।

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Delhi Car blast New revelation Maps and Red Fort blast plans shared on Threema app

दिल्ली लाल किला कार धमाके में बड़ा खुलासा

Delhi Car blast: दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों ने अपनी पड़ताल को और तेज कर दिया है। ताजा खुलासों में सामने आया है कि फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. उमर उन नबी, डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन शाहिद आपस में लगातार संपर्क में रहने के लिए ‘थ्रीमा’ (Threema) नामक स्विस एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि ये तीनों संदिग्ध इस ऐप के जरिए कथित तौर पर आतंकी साजिश से जुड़ी गतिविधियों की योजना बनाते थे और एक-दूसरे के साथ लगातार को-आर्डिनेशन में थे। थ्रीमा की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तकनीक और फोन नंबर के बिना पंजीकरण की सुविधा ने उनकी पहचान को छिपाए रखने में मदद की।

अमोनियम नाइट्रेट की सप्लाई में इस्तेमाल हुई दूसरी कार

जांच में यह भी सामने आया है कि जिस हुंडई i20 कार में सोमवार को विस्फोट हुआ, वह कथित तौर पर डॉ. उमर चला रहा था। इसके अलावा, फरीदाबाद से जब्त की गई एक लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट का इस्तेमाल संदिग्धों द्वारा अमोनियम नाइट्रेट के परिवहन और भंडारण के लिए किया गया था। सूत्रों का कहना है कि डॉ. उमर इस पूरे मॉड्यूल का सबसे कट्टरपंथी और सक्रिय सदस्य था। उसे ही दूसरे आरोपी डॉक्टरों और मॉड्यूल के बाहरी संपर्कों के बीच मुख्य सेतु (लिंक) माना जा रहा है। मुजम्मिल शकील गनई और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बाद उमर ने तुरंत अपने सभी डिजिटल संपर्क तोड़ दिए। फोन बंद कर दिए और लोकेशन छिपाने का प्रयास किया, जिससे उसका सुराग पाना मुश्किल हो गया।

दिल्ली में की गई कई बार रेकी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मॉड्यूल पिछले कई महीनों से राजधानी के संवेदनशील क्षेत्रों और ऐतिहासिक स्थलों की रेकी कर रहा था। जांचकर्ताओं का दावा है कि यह ग्रुप सिलसिलेवार विस्फोटों की एक बड़ी साजिश रच रहा था और पकड़े जाने के समय वे अपने 'आकाओं' से अंतिम आदेश का इंतजार कर रहे थे। सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर विस्फोट करने के लिए करीब 32 कारों को विस्फोटक से लैस करने की तैयारी चल रही थी। पुलिस इन कारों की लोकेशन और नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।

अब जानिए क्या है थ्रीमा ऐप की विशेषता?

जांच में जुटे अधिकारियों ने बताया कि थ्रीमा ऐप की गोपनीयता इस मामले की जांच को बेहद कठिन बना रही है। एक अधिकारी के अनुसार "थ्रीमा पारंपरिक मैसेजिंग ऐप्स की तुलना में बेहद सुरक्षित है, क्योंकि इसे फोन नंबर या ईमेल से रजिस्टर नहीं किया जाता। हर उपयोगकर्ता को एक अनूठी आईडी दी जाती है, जिससे उनकी पहचान ट्रैक करना लगभग असंभव हो जाता है।" यह ऐप निजी सर्वर पर चलाए जाने की सुविधा देता है। जांचकर्ताओं को संदेह है कि आरोपी डॉक्टरों ने एक प्राइवेट थ्रीमा सर्वर तैयार किया था, जिसका इस्तेमाल वे संवेदनशील दस्तावेज, नक्शे और लोकेशन डेटा शेयर करने के लिए कर रहे थे। थ्रीमा की खासियत यह भी है कि इसमें संदेश दोनों तरफ से हटाए जा सकते हैं और सर्वर पर डेटा स्टोर नहीं होता, जिससे डिलीट किए गए मैसेज रिकवर करना लगभग असंभव हो जाता है।