
खेल मैदान में पड़े बिजली के खम्भे
बड़ाखेड़ा. कस्बे की 6000 की आबादी होने के बावजूद भी खेल मैदान नहीं होने से खेल प्रतिभाओं को अभ्यास का मौका नहीं मिल रहा है। खेल मैदान के अभाव में खिलाडियों को आगे बढने का मौका नहीं मिल पा रहा है। कस्बे में कोई ऐसा मैदान भी नहीं है, जहां पर अभ्यास किया जा सके। इससे कस्बे की खेल प्रतिभाएं भी पलायन को विवश है।
खेल से जुड़े जानकार राजेन्द्र चौबदार, रामसिंह हाडा, हारून मोहम्मद, ओम मीणा, रामहेत गुर्जर का कहना है कि कस्बे में अनेक खेल प्रतिभाएं छुपी हुई है, उनको तलाश कर तराशने की जरूरत है। कस्बे के खिलाडियों का कहना है कि मैदान के अभाव में क्रिकेट, खो खो,कबड्डी सहित अन्य खेलों को खेल नहीं पाते हैं, वहीं जो युवा देशसेवा करने के लिए फौजी व पुलिस का सपना संजोए हुए हैं, उनको भी काफी दिक्कत का सामना करना पडता है।
सड़क किनारे लगाते है दौड़
सुबह शाम सडक पर बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे घूमते हुए नजर आते हैं कस्बे के युवाओ ने बताया की खेल मैदान के अभाव में अभ्यास करने का मन नही करता वर्षों से खेल मैदान को लेकर मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई ध्यान नही दिया गया है सरकार खेलों के नाम पर चाहे कितने भी दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत पर ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडियों को कोई सुविधा नही है खिलाड़ी आज भी खेल मैदान की राह देख रहे हैं और उम्मीद लगाए बैठे हैं
बच्चे गलियों में खेलते नजर आते हैं
कस्बे मे मैदान के अभाव में बच्चे गलियों में खेलते नजर आते हैं खेल मैदान के अभाव में खिलाडियों ने खेलों से दूरी बना ली है साथ ही बालिकाओं को भी मैदान के अभाव में अभ्यास नही करती है जिसके चलते बालिकाओं की प्रतिभाएं मजबूरन दम तोडती नजर आ रही है
Published on:
07 Nov 2025 05:41 pm
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