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लोगों की साँसो में घुल रही धूल, जिम्मेदारों को नहीं परवाह

कालीसिंध थर्मल से निकलने वाली राख इन दिनों पर्यावरण के साथ आमजन को भी नुकसान पहुंचा रही है। लापरवाही के कारण कई दिनों से सड़क पर ही राख फैल रही है।

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झालावाड़कालीसिंध थर्मल से निकलने वाली राख इन दिनों पर्यावरण के साथ आमजन को भी नुकसान पहुंचा रही है। लापरवाही के कारण कई दिनों से सड़क पर ही राख फैल रही है। इसकी शिकायत राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को भी की जा चुकी है। , लेकिन इसके बाद भी इस पर रोक नहीं लग पाई। थर्मल से प्रतिदिन करीब 4 हजार मीट्रिक टन फ्लाइ ऐश निकलती है। जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। कालीसिंध थर्मल से लेकर कपास्या कुआं तक पूरे रोड पर राख फैल रही है। इसके अलावा झालरापाटन और झालावाड़ में भी गीली राख में कई बाइक सवार फिसल कर चोटिल हो रहे हैं, वहीं सूखने के बाद यह राख वाहन चालकों की आंखों में जा रही है। दिनभर राख के गुब्बार उडऩे से वाहन चालकों को सड़क पर कुछ नजर नहीं आता। पत्रिका टीम ने रविवार को इस रोड का निरीक्षण किया तो ओवरलोड डंपर रोड पर मुफ्त की राख बिखेरते नजर आए। इनपर ऊपर तिरपाल भी ढके हुए नहीं थे।

फेक्ट फ़ाइल-

-कालीसिंध थर्मल की 600-600 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां से उत्पादन हो रहा है!

- थर्मल से प्रतिदिन करीब 3000 मैट्रिक टन फ्लाई एश निकल रही है।

-. थर्मल से प्रतिदिन करीब 1000 मैट्रिक टन बोटमएश निकलती है जो पानी के साथ बाहर तालाब में जाकर एकत्रित होती है।

. फ्लाई एश के दो तरह के टेंडर है। ये 250 रुपए व 426 रुपए प्रति टन के हिसाब से सीमेंट कंपनी और ब्रिक्स बनाने वाले ले जाते हैं।

- प्रतिदिन करीब 70-80 डंपर निकल रहे हैजो रोड पर बिना तिरपाल से ढके हुए ही निकल रहे है। क्षमता से अधिक भरे होने के कारण रोड पर बिखेरते हुए निकल रहे। .

- बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली भी रोड पर बिना तिरपाल के ही फ्लाइ ऐश ले जा रहे हैं, जो क्षमता से अधिक होने के कारण रोड पर व ब्रेकर पर बिखेरते हुए निकल रहे।

ये हैं नियम. -

थर्मल से निकलने वाली राख को ले जाने के लिए डंपर, ट्रक, ट्रैक्टर आदि को तिरपाल से ही ढककर ले जाने का नियम है, ताकि राख के उडऩे से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे और वाहन चालकों और आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।

मुफ्त की राख ,इसलिए नहीं ध्यान-

सूत्रों ने बताया की कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट से एयरपोर्ट में फ्लाई एश मुफ्त में दी जा रही है। ऐसे में डंपर चालक राख को रोड पर बिखेरते हुए तेज रफ्तार से निकल रहे हैं। इनकी संख्या रात को ज्यादा हो जाती है। ऐसे में ब्रेकर व गड्ढ़ों पर राख ज्यादा बिखर रही है। वहीं बॉटम राख से भरे सैंकड़ों ट्रैक्टर दिनरात शहर की सड़कों पर दौड़ते नजर आते हैं।

क्षमता से अधिक ले जा रहे-

एक डंपर की क्षमता 40 टन की होती है, लेकिन थर्मल से निकल रहे डंपर 50 टन से अधिक राख भरकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ब्रेक लगाते ही पूरे रोड पर राख बिखर जाती है, इससे पर्यावरण व आम लोगों को काफी नुकसान हो रहा है।

इसलिए आ रही परेशानी-

कालीसिंध थर्मल से राख़ ले जाने के लिए तीनधार होते हुए मंडावर में निकल कर एयर पोर्टतकलेजाना हैं, लेकिन डंपर चालक शार्ट में होते हुए झालावाड़ से निकल रहे हैं!

लोग बोले-

थर्मल झालरापाटन से राख का परिवहन खुले वाहनों में किया जा रहा है जिससे थर्मल से नेशनल हाईवे 52 झालावाड़ तथा खानपुर मेगा हाईवे पर नियमित रूप से थर्मल की राख वहां से गिर रही है जो इससे रोड पर निकलने वाले राहगीर दुपहिया वाहन चालक तथा इस रोड के दोनों तरफ मास्टर कॉलोनी व तिलक नगर स्थित है यह धूल वाहनों से उड़कर वायु प्रदूषण फैला रही है जिससे इन रास्तों पर गुजरने वाले राहगिरो तथा रोड के आसपास बसी कॉलोनी में वायु प्रदूषण भयंकर रूप से फैल रही है जिससे आम नागरिकों का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है अतः जिला प्रशासन को इस वायु प्रदूषण को रोकने हेतु थर्मल से राख का परिवहन बन्द वाहनों (केप्सूल)में करवाने की व्यवस्था फरमाई जावे जिससे आम नागरिकों को होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल सके।

आशीष, मोहित शर्मा, मंडल अध्यक्ष, झालावाड़ शहर,

समस्या का समाधान कर दिया-

जिस रूट से स्लेरी के डंपर निकल रहे हैं वहां पानी का छिड़काव किया जाएगा!ओवरलोड वालों को भी पाबंद कर दिया, समस्या का समाधान कर दिया

संगीता श्रृंगी चीफ इंजीनियर,कालीसिंध थर्मल झालावाड़