मानसून की बारिश (फोटो-पत्रिका)
दशहरे के लिए तैयार रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भीगे
आइएमडी का पूर्वानुमान : अगले सात दिन राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, पोस्ट मानसून में भी होगी रेकार्ड बारिश
‘इंद्रदेव’ की मेहरबानी रावण, कुंभकरण और इंद्रजीत पर भारी
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने निम्न दबाव के सिस्टम से लौटता मानसून कई राज्यों को खूब भिगो रहा है। मंगलवार को राजस्थान, गुजरात, कोंकण, गोवा, नई दिल्ली, आंध्रप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई। कई इलाकों में जलभराव से रास्ते अवरुद्ध हो गए तो दशहरे के लिए तैयार रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भीगकर खराब हो गए। इससे छोटे कारीगरों को काफी नुकसान हुआ है। राजधानी दिल्ली में भारी बारिश के बाद कुछ एयरलाइन्स ने संभावित देरी के लिए एडवाइजरी जारी की है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक रबी की फसल बुवाई के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मौसम प्रणालियों में नए निम्न दबाव एवं पश्चिमी विक्षोभ की संभावना के चलते से अगले सात दिन तक उत्तरी-पश्चिम भारत (राजस्थान, दिल्ली, पंजाब आदि राज्य) सहित तटीय व अन्य राज्यों में कहीं भारी तो कहीं तेज-गर्जना के साथ तूफानी बारिश का संभावना है। आइएमडी के पोस्ट मानसून (अक्टूबर से दिसंबर) को लेकर जारी नए पूर्वानुमान के अनुसार देशभर में बारिश की गतिविधियां आगामी कुछ दिनों तक जारी रहेगी।
जयपुर से लेकर दिल्ली तक बारिश-
राजस्थान व आंध्रप्रदेश के अलग-अलग स्थानों, गुजरात के कच्छ व सौराष्ट्र क्षेत्रों में 110 मिमी बारिश दर्ज की गई। मंगलवार को राजधानी नई दिल्ली समेत राजस्थान के जयपुर, अजमेर, धौलपुर सहित कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। जयपुर में भारी बारिश से कई क्षेत्रों में जलभराव के हालात बन गए।
इसलिए हो रही बारिश : आगे पश्चिमी विक्षोभ का असर
-अरब सागर की खाड़ी से सटे सौराष्ट्र व कच्छ में 30 सितंबर को निम्न दबाव का सिस्टम बना।
-एक अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में एक और नया सिस्टम बनेगा। इसका असर तीन दिन रहेगा।
-4 अक्टूबर से नया पश्चिम विक्षोम बनेगा, जिससे उत्तरी-पश्चिम भारत (राजस्थान, दिल्ली, पंजाब आदि राज्य) के अलग-अलग हिस्सों का मौसम प्रभावित होगा।
मानसून सीजन : अब तक 8 फीसदी ज्यादा बारिश, 49 साल का रेकार्ड टूटा
इस साल देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन उम्मीद से ज्यादा मेहरबान रहा। मानसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर) तक देश में दीर्घकालिन औसत से 8 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई। देश की औसत बारिश 868.6 एमएम के विपरीत इस सीजन में 937.2 एमएम दर्ज हुई। इससे अधिकतर राज्यों में जलाशय लबालब हो गए तो बाढ़-आपदा के हालात भी बने। पूरे सीजन में मानसून का पैटर्न बदला सा नजर आया। इस बार देश में 70 बार औसत से ज्यादा बारिश हुई, जिसने 49 साल का रेकार्ड तोड़ दिया।
रबी की बुवाई में वरदान
इस बारिश से खेतों में कटी पड़ी खरीब की फसलों को नुकसान हो सकता है। हालांकि ज्यादातर क्षेत्रों में फसल निकाल ली गई है। कृषि विशेषज्ञ सुरेशसिंंह शेखावत के अनुसार लौट रहे मानसून की बारिश आगामी रबी फसलों की बुवाई के लिए फायदा देगी।
पोस्ट-मानसून : सामान्य से 115 अधिक वर्षा का अनुमान
आइएमडी ने मंगलवार को पोस्ट-मानसून सीजन (अक्टूबर से दिसंबर 2025) के लिए दीर्घावधि वर्षा पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से 112 प्रतिशत अधिक वर्षा होने की सबसे अधिक संभावना है, जबकि अक्टूबर महीने में पूरे देश में 115 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज हो सकती है। यह पूर्वानुमान बाढ़, परिवहन व्यवधान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए विभाग ने सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। हालांकि भारी बारिश दक्षिण भारत में होगी। शेष अन्य राज्यों में हल्की व मध्यम दर्जे की बारिश का दौर चलेगा।
Published on:
01 Oct 2025 05:22 am
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