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ग्यारहवीं-बारहवीं कक्षा में नामांकन शून्य, व्याख्याता उठा रहे लाखों रुपए वेतन

 पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल आमेठा

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 हरिसिंह गुर्जर

झालावाड़। जिले में एक पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल ऐसा भी है, जहां विज्ञान संकाय की ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में एक भी नामांकन नहीं है। इस संकाय के लिए नियुक्त व्याख्याता लाखों रुपए सालाना वेतन उठा रहे है। वे अन्य कक्षाओं में भी अध्यापन नहीं कर रहे है।
जानकारी के अनुसार पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आमेठा में पांच साल पहले राज्य सरकार ने विज्ञान संकाय शुरू किया था। शुरू में यहां विज्ञान विषयों के व्याख्याता नहीं होने से बच्चों ने प्रवेश नहीं लिया। ऐसे में यहां नामांकन शून्य रहा। दो साल पहले राज्य सरकार ने इस स्कूल को पीएम श्री घोषित कर दिया और व्याख्याता नियुक्त कर दिए, लेकिन अभी भी यहां दोनों कक्षाओं में नामांकन शून्य है। बारहवीं गणित में एक छात्र है, लेकिन वह भी स्कूल पढऩे नहीं आ रहा। ऐसे में यहां विज्ञान संकाय के व्याख्याताओं को हर माह दिया जा रहा तीन लाख रुपए व्यर्थ ही जा रहा है। क्योंकि ये शिक्षक नवीं और दसवीं के बच्चों को विज्ञान नहीं पढ़ाते।


लाखों की प्रयोगशाला भी बेकार-


स्कूल में लाखों रुपए लगाकर विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशाला की स्थापना की गई है, लेकिन11 वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी नहीं होने से उसका उपयोग नहीं हो पा रहा। भवन तो बन गया, लेकिन उसमें उपकरण नहीं आए। ऐसे में अन्य कक्षा के विद्यार्थी भी इसका उपयोग नहीं कर पा रहे।

छह सौ से अधिक नामांकन



स्कूल में पहली से लेकर दसवीं कक्षा तक में 605 विद्यार्थियों का नामांकन है। दसवीं कक्षा में 84 विद्यार्थीं है। यदि समय रहते इन बच्चों को अगली कक्षा में इसी स्कूल में दाखिले के लिए प्रेरित किया जाए तो 11वीं और 12वीं नामांकन शुरू हो सकता है।

  '' पहले विज्ञान संकाय में शिक्षक नहीं थे। अब आ गए है, लेकिन कक्षा में नामांकन शून्य है। बच्चों और अभिभावकों को विज्ञान विषय के प्रति जागरूक कर प्रवेश के लिए प्रेरित करेंगे। - भवानीशंकर बागरी, प्रिंसिपल पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आमेठ

पढ़ाना चाहिए।

'' आमेठा स्कूल में 11वीं और 12वीं में प्रवेश के लिए प्रयास करेंगे। वहां अभी जो व्याख्याता है, उन्हें 10वीं तक के बच्चों को विज्ञान और गणित पढ़ाना चाहिए। अगर वे मना कर रहे हैं तो उन्हें दूसरे स्कूल में लगाया जाएगा। -मुखराम चंदोलिया, सीबीईओ अकलेरा