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राजस्थान में यहां 112KM के दायरे में बनेगा नया मार्ग, 5 गांवों को बाईपास-अंडरपास और इस रेलवे क्रॉसिंग पर मिलेगी ओवरब्रिज की सौगात

Rajasthan Good News: पाली के रोहट से आहोर होते हुए बागरा तक 112 किलोमीटर लंबा नया मार्ग पीपीपी मोड में बनाया जाएगा। इसमें 5 गांवों में बाईपास, अंडरपास और एक रेलवे ओवरब्रिज शामिल होगा।

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AI जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर

Singari Railway Crossing Over-bridge: रोहट से आहोर होते हुए बागरा तक नए सिरे से मार्ग का निर्माण होगा। यह मार्ग स्व वित्त पोषित (पीपीपी) मोड में तैयार होगा। पुराने मार्ग के अलाइनमेंट में खासा बदलाव किया जाएगा और जरूरत के अनुसार बाईपास भी बनेंगे। इस पूरे मार्ग की लंबाई 112 किलोमीटर के करीब होगी।

विभागीय जानकारी के अनुसार रोहट से आहोर तक 82 किलोमीटर और उसके बाद बागरा तक करीब 30 किलोमीटर नया बाईपास मार्ग बनेगा। बता दें पूर्व में बीओटी स्कीम में जालोर से आहोर होते हुए रोहट तक यह मार्ग बना हुआ था लेकिन बाद में एजेंसी की ओर से समय पर मार्ग की मरम्मत नहीं करने से मार्ग पूरी तरह से बिखर गया था। अब इस पूरे मार्ग का नए सिरे से निर्माण किया जाना है।

शहरी क्षेत्रों के पास बाईपास बनने हैं

नए प्रोजेक्ट के अनुसार आबादी क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों के बाहर से ही बाईपास बनाए जाने हैं। कुल 5 गांव कस्बे चिह्नित किए गए हैं, जहां पर बाइपास, अंडरपास बनाए जाने हैं। ताकि भविष्य में वाहनों की आवाजाही में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। सिणगारी रेलवे क्रॉसिंग पर एक रेलवे ओवरब्रिज बनेगा।

जुलाई में ये विकल्प तलाशे गए

● जुलाई में बागरा तक बाईपास रोड के लिए दो विकल्प सुझाए गए थे। जिन पर ट्रेफिक और बेस सर्वे किया गया। पहले सर्वे के अनुसार आहोर जंक्शन से सांकरना, लेटा जीएसएस, गोल निंबड़ी होते हुए बागरा तक बाईपास का प्रस्ताव था।

● प्रोजेक्ट के तहत दूसरे प्रोजेक्ट में जालोर से मामाखेड़ा से बागरा फोरलेन होते हुए बागरा तक यह रोड बनाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन दोनों ही प्रस्तावित प्रोजेक्ट में बाईपास की जालोर से दूरी मात्र 2 से 5 किमी ही थी और इसमें नेशनल हाइवे 325 भविष्य में अड़चन का कारण बन सकता था।

इस तरह का होगा प्रोजेक्ट

रोहट से आहोर के बीच 82 किलोमीटर दायरे में भाद्राजून, आहोर दो जगह बाईपास बनाए जाने हैं। ताकि ट्रेफिक रिलिफ मिल सके और पेड़ों की कटाई से भी बचा जा सके। जालोर तक मार्ग का हिस्सा नेशनल हाइवे के अधीन है। इसलिए बागरा तक 30 किमी बाईपास के रूट में भी बदलाव किया है। जिसके तहत आहोर से भैंसवाड़ा, ऊण, राजनवाड़ी, धवला, नारणावास होते हुए बागरा तक यह बाईपास बनेगा। धवला, नारणावास और बागरा में भी बाईपास बनाए जाएंगे। इस रूट को ही फिजिबल माना जा रहा है।

इस तरह से अपग्रेड होगी यह सड़क

रोहट-जालोर तक वर्तमान में टू-लेन मार्ग है। यह मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त भी है। नया मार्ग बनेगा और अब दोनों छोर पर 1.50-1.50 मीटर सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी। इस तरह मार्ग 10 मीटर तक चौड़ा हो जाएगा। मार्ग अब थ्री लाइन में क्रमोन्नत हो जाएगा।

अब बदलाव के साथ नए रूट पर बनेगा बाइपास

सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि आहोर से सांकरना होते हुए जालोर तक नेशनल हाइवे का हिस्सा आ रहा है। जालोर होते हुए बागरा तक पहुंचने वाले वाहन चालक को इस मार्ग का उपयोग करते ही है। ऐसे में ट्रेफिक रिलिफ कोरिडोर के रूप में नए बाइपास का विकल्प तलाश गया। जिसमें नेशनल हाइवे का कोई हिस्सा बीच में नहीं आ रहा।

इन्होंने कहा

इस प्रोजेक्ट को भविष्य की जरुरत को ध्यान में रखते हुए अपग्रेड किया जा रहा है। प्रोजेक्ट में अलाइनमेंट रिपोर्ट पर रिव्यू चल रहा है। सहमति के साथ प्रोजेक्ट पर कार्य शुरु हो पाएगा।

केदार शर्मा, एसई, पीडब्ल्यूडी (पीपीपी)