
राबड़ी आवास के बाहर बाहुबली अशोक महतो
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत में हलचल चरम पर है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और टिकट वितरण को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान अब सार्वजनिक रूप से दिखने लगी है। गुरुवार की रात इसका एक नया नजारा तब देखने को मिला, जब बाहुबली नेता अशोक महतो राबड़ी आवास पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, अशोक महतो टिकट की दावेदारी और विधानसभा चुनाव में अपनी सक्रिय भूमिका को लेकर तेजस्वी यादव से मुलाकात करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने राबड़ी आवास का रुख किया, लेकिन गार्ड ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। लंबे समय तक इंतजार करने के बाद अशोक महतो वापस लौट गए।
अशोक महतो का राजनीतिक सफर हमेशा से विवादों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से भरा रहा है। उनके राजनीतिक जीवन में कई घटनाएं ऐसी रही हैं, जो उन्हें बिहार के विवादित नेताओं में गिनती में लाती हैं। 1990 के दशक में नवादा, शेखपुरा, लखीसराय और नालंदा जिलों में उनके राजनीतिक और अपराध संबंधी प्रभाव के कई मामले सामने आए। एक दौर था जब अशोक महतो ने बिहार के भूमिहारों के खिलाफ खुली लड़ाई छेड़ दी थी।
साल 2001 में नवादा जेल ब्रेक कांड में उन्हें 17 साल की सजा हुई थी। जेल से रिहाई के बाद उन्होंने राजनीतिक मैदान में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू किया। उनकी पत्नी कुमारी अनिता देवी 2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी की उम्मीदवार रही हैं, लेकिन चुनाव में जीत नहीं पाई थीं। अशोक महतो ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अनीता देवी से शादी की थी।
अशोक महतो का पैतृक गांव वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के पकरीबरावां प्रखंड का बढ़ौना गांव है। इस क्षेत्र से वह इस बार विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते थे। उनके राबड़ी आवास जाने का मकसद भी यही था कि तेजस्वी यादव से सीधे बात कर सीट की दावेदारी पेश की जा सके। लेकिन गेट पर रोक देने के कारण उनका यह प्रयास नाकाम रहा।
Updated on:
10 Oct 2025 03:05 pm
Published on:
10 Oct 2025 01:40 pm
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