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अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज, दुलारचंद हत्याकांड में कोर्ट ने नहीं दी राहत

जदयू के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को गुरुवार को बड़ा कानूनी झटका लगा है। दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार अनंत सिंह की जमानत याचिका को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 20, 2025

Bahubali Anant Singh

बाहुबली अनंत सिंह (Photo- ANI)

मोकामा के बाहुबली और जदयू के नवनिर्वाचित विधायक अनंत सिंह को गुरुवार को बड़ा कानूनी झटका लगा है। एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने दुलारचंद यादव हत्याकांड में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि अनंत सिंह की जेल से निकट भविष्य में रिहाई नहीं होने वाली और उन्हें फिलहाल पटना के बेऊर जेल में ही रहना होगा। हालांकि अनंत सिंह के वकील ने कहा कि जमानत के लिए अब वो ऊपरी अदालत में याचिका दायर करेंगे।

क्यों जेल में हैं अनंत सिंह?

75 वर्षीय दुलारचंद यादव की हत्या का मामला बिहार की राजनीति में लगातार सुर्खियों में है। दुलारचंद यादव जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी के समर्थक थे। जिनकी मौत चुनाव प्रचार के दौरान मोकामा में हो गई थी। इस घटना के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ गया था और विपक्ष ने इसे साफ तौर पर चुनावी हिंसा बताया था। पुलिस जांच में अनंत सिंह का नाम सामने आया और उसी रात उन्हें उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने अनंत सिंह के साथ मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी पकड़ा था। सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और तभी से वह बेऊर जेल में हैं।

कोर्ट ने क्यों ठुकराई जमानत?

विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की विशेष सुनवाई करता है। अदालत ने माना कि मामला गंभीर है और गवाहों पर असर पड़ने की आशंका को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है। इसलिए कोर्ट ने आज उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। यह फैसला अनंत सिंह की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला है, क्योंकि जेडीयू विधायक बनने के बाद उन्हें बड़े राहत की उम्मीद थी। उन्होंने 28,206 वोटों के बड़े अंतर से मोकामा सीट से जीत दर्ज की है।

ऊपरी अदालत में चुनौती देने की तैयारी

जमानत याचिका खारिज होने के बाद अनंत सिंह के वकीलों ने साफ कर दिया है कि वे निचली अदालत के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे। अब मामला पटना हाईकोर्ट तक पहुंच सकता है। अनंत सिंह और उनके समर्थकों को बड़ी राहत की उम्मीद थी, लेकिन अब हाई कोर्ट की अगली सुनवाई पर सबकी नजर रहेगी। अगर हाई कोर्ट जमानत दे देता है तो अनंत सिंह जेल से बाहर आ सकेंगे।

जब तक अनंत सिंह जेल से बाहर नहीं आते, वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि, संविधान के नियमों के अनुसार, चुनाव जीतने के बाद विधायक को 6 महीने के भीतर शपथ लेना ज़रूरी होता है, जिसके लिए वह जमानत या पैरोल का सहारा ले सकते हैं।