
बिहार कैबिनेट मीटिंग
Bihar Cabinet: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई। इस बैठक में छह बड़े फैसलों पर मुहर लगाई गई, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय राज्य को तकनीकी और आधुनिक विकास मॉडल वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे ले जाने वाले हैं। कैबिनेट ने बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन, टेक्नोलॉजी हब निर्माण, 11 नए सैटेलाइट टाउनशिप, और डिफेंस कॉरिडोर जैसी योजनाओं को मंजूरी दी है।
कैबिनेट ने आधिकारिक तौर पर बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना को मंजूरी दे दी है। सरकार का मानना है कि AI आने वाले समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने जा रही है, इसलिए बिहार को भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। इस मिशन के माध्यम से राज्य शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, नगर प्रबंधन, नागरिक सेवाओं और औद्योगिक ढांचे में AI तकनीक का उपयोग कर बड़े परिवर्तन लाने की तैयारी कर रहा है।
सरकार का उद्देश्य है कि बिहार में AI आधारित रिसर्च को बढ़ावा मिले और युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हों। इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फेलोशिप, रिसर्च प्रोग्रामऔर वैश्विक टेक कंपनियों से साझेदारी की जाएगी। सरकार का दावा है कि यह मिशन लाखों युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप के क्षेत्र में बड़ा अवसर बनेगा।
कैबिनेट मीटिंग में बिहार को पूर्वी भारत में एक बड़ा टेक हब बनाने के लिए एक हाई-लेवल कमेटी बनाने का भी फैसला किया गया। यह कमेटी डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी बनाने का रोडमैप तैयार करेगी और इसके क्रियान्वयन पर नजर रखेगी। माना जा रहा है कि अगर ये प्रोजेक्ट्स पूरे होते हैं, तो बिहार पहली बार ग्लोबल टेक इंडस्ट्री के मैप पर मजबूती से उभर सकता है।
बैठक में राज्य के प्रमुख शहरों में जनसंख्या का दबाव, आवास की जरूरत और शहरी सुविधा को ध्यान में रखते हुए 11 सैटेलाइट / ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनाने का भी निर्णय लिया गया। इन टाउनशिप को आधुनिक प्लानिंग, बेहतर ट्रांसपोर्ट और उच्चस्तरीय नागरिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा। सरकार इसे भविष्य की शहरी आबादी के लिए बड़े समाधान के रूप में देख रही है, जिससे पटना जैसे शहरों पर बोझ भी कम होगा और नए आर्थिक हब भी विकसित होंगे।
कैबिनेट ने नई चीनी मिलें लगाने और बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने के लिए चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में एक हाई-लेवल कमेटी बनाने को मंजूरी दी है। सरकार का तर्क है कि इस पॉलिसी से गन्ना किसानों की इनकम बढ़ेगी और गांव की इकॉनमी मजबूत होगी।
बैठक में बिहार को ग्लोबल बैक-एंड हब बनाने के लिए एक एक्शन प्लान बनाने का भी फैसला किया गया। राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने और इंडस्ट्री और युवाओं को नए मौके देने के लिए साफ लक्ष्य तय किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में टेक्नोलॉजी और रोजगार पर आधारित इंडस्ट्री को काफी बढ़ाना है। इसके लिए कमिटी के गठन के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है।
Updated on:
25 Nov 2025 12:50 pm
Published on:
25 Nov 2025 12:49 pm
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