
बिहार डिप्टी CM सम्राट चौधरी (IANS)
Bihar New Cabinet: एनडीए सरकार के गठन के बाद शुक्रवार को सम्राट चौधरी को गृह विभाग सौंपा गया, जिसे भाजपा के बढ़ते प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश कुमार ने 20 सालों में पहली बार गृह विभाग को अपने पास से हटाकर सम्राट चौधरी को दिया है, जिसे भाजपा की लंबे समय से चल रही मांग से जोड़कर देखा जा रहा है।
नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता संभाली, तब बिहार में अपराध अपने चरम पर था। अपने 20‑साल के शासन में उन्होंने “भयमुक्त प्रशासन” की व्यवस्था करके बड़े अपराधियों पर पुलिस का शिकंजा कस दिया और हर बड़ी कार्रवाई पर सीधे नजर रखी। अब यह जिम्मेदारी सम्राट चौधरी को सौंपी गई है।
गृह विभाग की कमान मिलने के साथ ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में नई बहस छिड़ गई है। यूज़र सवाल उठा रहे हैं कि जिन पर स्वयं आपराधिक केस दर्ज हैं, वे कानून‑व्यवस्था पर लगाम लगा पाएँगे या नहीं, और ऐसे व्यक्ति को गृह विभाग की कमान क्यों दी जानी चाहिए। प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रचार के दौरान सम्राट चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उनके गृह मंत्री बनने के बाद यह मुद्दा फिर से उठ रहा है। 2025 के विधानसभा चुनाव में उनके द्वारा दायर चुनावी हलफनामे के अनुसार, सम्राट चौधरी पर अभी दो आपराधिक मामले लंबित हैं।
● पटना कोतवाली (FIR 516/2023) - IPC की धारा 188, 147, 149, 323, 324, 337, 338, 353
● तारापुर, मुंगेर (FIR 35/2014) - धारा 171F/188
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाए थे। सम्राट चौधरी द्वारा दायर चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता “डॉक्टर ऑफ लिट (Honoray)” बताई है, जो उन्हें पीएफसी कामराज यूनिवर्सिटी से मिली है। संपत्ति और आय का ब्यौरा
सम्राट चौधरी ने चुनाव आयोग को प्रस्तुत हलफनामे में बताया है कि उनके और उनके परिवार की कुल अचल संपत्ति 8 करोड़ 28 लाख 20 हजार रुपये से अधिक है। उनकी पत्नी, कुमारी ममता, के नाम पर 1करोड़ 8 लाख रुपये की अचल संपत्ति तथा 27 लाख 89 हजार रुपये की चल संपत्ति दर्ज है।
Updated on:
22 Nov 2025 03:18 pm
Published on:
22 Nov 2025 01:03 pm
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