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‘हार बड़ा झटका, रिजल्ट के बाद से न नींद आ रही, न चैन’, प्रशांत किशोर ने बताया क्यों फेल हुआ जन सुराज का गणित

Bihar Politics: प्रशांत किशोर ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान माना कि बिहार चुनाव के नतीजे उनके लिए बड़ा झटका थे। उन्होंने कहा कि उम्मीद से बहुत कम वोट मिले हैं और परिणाम आने के बाद से वो ठीक से सो भी नहीं पाए हैं।

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 19, 2025

जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर। (फोटो- IANS)

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि चुनाव परिणाम उनके लिए एक बड़ा झटका था और नतीजे आने के बाद से उन्हें ठीक से नींद भी नहीं आ रही है और न ही मन को चैन है। एक टीवी कार्यक्रम में बातचीत के दौरान PK ने कहा कि जन सुराज का प्रदर्शन उम्मीद से बहुत खराब रहा और उन्हें यह समझने की जरूरत है कि कहां गलती हुई। इसके साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक संकल्प को दोहराते हुए कहा, "आप तब तक नहीं हारते जब तक आप हार मान नहीं लेते।"

वोट शेयर का अनुमान लगाने में हुई चूक

प्रशांत किशोर ने हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने वोट शेयर का अनुमान लगाने में गलती की। किशोर ने साफ कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले कोई सर्वे नहीं करवाया था और “ब्लाइंड खेला” था। उनका अनुमान था कि जन सुराज को 12-15% वोट मिलेंगे, लेकिन पार्टी सिर्फ करीब 3.5-4% वोट पर सिमट गई। उनके मुताबिक, "ये फर्क बहुत बड़ा है, नतीजे उम्मीद से बहुत नीचे रहे और इसका विश्लेषण करना पड़ेगा, समझना होगा कि कहां गलती हुई।"

बिहार में चार तरह के मतदाता

PK ने दावा किया कि जन सुराज ने बिहार की राजनीति को जाति और धर्म के इर्द-गिर्द घूमने वाली बहस से हटाकर रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर केंद्रित किया, लेकिन यह बदलाव वोट में परिवर्तित नहीं हो सका। पीके के अनुसार बिहार में चार तरह के वोटर हैं, पहला जो जाति के आधार पर वोट डालते हैं, दूसरा धर्म देखकर वोट डालने वाले लोग, तीसरे जो लालू यादव की वापसी के डर से एनडीए को वोट देते हैं, और आखिर में वो वोटर हैं जो BJP के डर से विपक्ष को वोट करते हैं। PK के मुताबिक, उनकी पार्टी पहले दो वर्गों को कुछ हद तक प्रभावित कर सकी, लेकिन बाकी दो वर्गों तक नहीं पहुंच पाई।

फिर कोशिश करेंगे प्रशांत किशोर

PK ने साफ कहा कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “भाजपा के भी एक समय सिर्फ दो सांसद थे। जब आप नई पार्टी बनाते हैं, ऐसे नतीजे आना स्वाभाविक है। लेकिन हमने जाति-धर्म का ज़हर नहीं फैलाया, हम फिर कोशिश करेंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले वर्षों में उनका उत्साह या राजनीतिक पूंजी कम हुई है, PK ने कहा कि यह प्रयास दस साल का है, जिनमें से साढ़े तीन साल गुजर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी योजना थी कि तीन साल में सफलता मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “हमारी टाइमलाइन गलत साबित हुई, पर कोशिश बंद नहीं होगी।”

नीतीश को 25 सीट वाली बात पर कायम PK

प्रशांत किशोर ने JDU की भारी जीत पर भी अपनी पुरानी भविष्यवाणी का बचाव किया। PK ने कहा कि उनका अभी भी वही मानना है कि JDU को 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलनी चाहिए थीं, लेकिन उन्होंने 85 सीटें जीत ली। पीके ने कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले 243 सीटों पर करीब 100-125 करोड़ रुपये तक के फंड और 1.2 करोड़ महिलाओं को 10,000 रुपये देकर गेम पलट दिया।