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कौन हैं अनिल आजाद? जिनके ठिकानों से मिली करोड़ों की संपत्ति, दो महीने बाद होने वाले थे रिटायर

Bihar News: पटना, जहानाबाद और औरंगाबाद में छापेमारी कर विशेष निगरानी इकाई ने उत्पाद अधिक्षक अनिल कुमार आजाद के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए हैं। अनिल दो महीने में रिटायर होने वाले थे। जानिए अनिल की सर्विस हिस्ट्री...

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पटना

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Anand Shekhar

Nov 24, 2025

bihar news

उत्पाद अधिक्षक अनिल कुमार आजाद और उनका घर

Bihar News: बिहार की विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने रविवार को उत्पाद अधीक्षक अनिल कुमार आजाद के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की। पटना, जहानाबाद और औरंगाबाद जिले में फैले उनके चार ठिकानों पर एक साथ की गई छापेमारी ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। करीब सात घंटे की तलाशी में SVU ने करोड़ों रुपये की संपत्ति दस्तावेजों, प्लॉट रजिस्ट्री, बैंक रिकॉर्ड, निवेश और ज्वेलरी के रूप में बरामद की है।

शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आजाद के पास 5 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध संपत्ति होने के संकेत मिले हैं, जबकि शिकायत केवल 1.58 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति की थी। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब अनिल आजाद सिर्फ दो महीने बाद रिटायर होने वाले थे।

कौन हैं अनिल आजाद? क्या है सर्विस हिस्ट्री

अनिल आजाद मूल रूप से जहानाबाद जिले के सुमेरा गांव के रहने वाले हैं। 1991 में वे उत्पाद विभाग में दरोगा के रूप में नियुक्त हुए और पहली पोस्टिंग बेतिया में मिली। उनकी सबसे चर्चित पोस्टिंग रही 1999 से 2002 तक पटना में, जहां उन्होंने स्प्रिट कारोबारी असलम खान की पत्नी मुन्नी खातून की गिरफ्तारी की थी। इसके बाद वे इंस्पेक्टर बने और नालंदा, पूर्णिया, मधुबनी में तैनात रहे।

बाद में अधीक्षक पद पर प्रमोशन मिला और समस्तीपुर व नवादा में उनकी पोस्टिंग रही। पिछले 20 महीनों से वे औरंगाबाद में उत्पाद अधीक्षक के पद पर काम कर रहे थे। सबसे खास बात ये है कि वे सिर्फ दो महीने बाद रिटायर होने वाले थे। यानी करियर के अंतिम पड़ाव पर उन पर भारी कार्रवाई हुई है।

तीन जिलों में हुई ताबड़तोड़ छापेमारी

रविवार को SVU की टीमों ने एक साथ पटना के शिवपुरी स्थित आवास, जहानाबाद के सुमेरा गांव में पैतृक घर और औरंगाबाद के सरकारी क्वार्टर व दफ्तर पर तलाशी शुरू की। टीम कोर्ट से जारी तलाशी वारंट लेकर पहुंची थी। करीब सात घंटे चली इस तलाशी में दस्तावेजों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक डेटा तक, कई अहम चीजें जब्त की गईं। जांच के दौरान टीम को पत्नी और परिवार के नाम कई प्लॉट, भारी बैंक बैलेंस, निवेश और ज्वेलरी के दस्तावेज मिले। टीम को तीन बैंक लॉकर भी मिले हैं, जिनकी तलाशी आगे की तिथि पर होगी। SVU का कहना है कि जब्त दस्तावेजों के अंतिम मूल्यांकन के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई का निर्णय होगा।

क्या क्या मिला ?

SVU की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, अनिल आजाद और उनके परिवार के नाम पर पाई गई संपत्ति का दायरा व्यापक है।

  • पटना के शास्त्रीनगर में पत्नी माधुरी देवी के नाम 6 प्लॉट
  • जहानाबाद में परिवार के नाम 4 प्लॉट
  • 28 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट
  • बैंक और बीमा योजनाओं में 1.54 करोड़ रुपये का निवेश
  • 48 लाख का बैंक बैलेंस
  • 26 लाख के सोने और 8.6 लाख की चांदी की ज्वेलरी की रसीदें
  • दस्तावेज, पासबुक, प्रॉपर्टी पेपर्स और डिजिटल डेटा

क्या कहा अनिल आजाद ने?

छापेमारी के बाद मीडिया से बातचीत में अनिल आजाद ने अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश बताया। उन्होंने दावा किया, “मैंने औरंगाबाद में 25 अवैध स्प्रिट फैक्ट्रियां बंद कराईं। इसी वजह से स्प्रिट माफियाओं ने नेताओं की मिलीभगत से मेरे खिलाफ झूठी शिकायत करवाई है।” आजाद ने कहा कि वे जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और सच सामने आएगा।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR

SVU ने अनिल आजाद के खिलाफ धारा 13(1)(b) आय से अधिक संपत्ति, धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC 61(2)(a) की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। FIR में उल्लेख है कि वर्ष 2000 से अब तक अर्जित संपत्ति उनकी वैध आय से अत्यधिक अधिक है और यह भ्रष्टाचार का स्पष्ट मामला बनता है।