
ट्रंप के टैरिफ को स्वदेशी उत्पाद देंगे जवाब (फोटो सोर्स- पत्रिका)
Swadeshi 2.0 campaign: छत्तीसगढ़ राज्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “स्वदेशी 2.0 अभियान” को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उच्च टैरिफ के जवाब में राज्य सरकार ने स्थानीय उत्पादों के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य न केवल विदेशी आयात पर निर्भरता कम करना है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना भी है।
राज्य सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हथकरघा और खादी ग्रामोद्योग केंद्र खोलने की दिशा में तेजी से काम शुरू किया है। ये केंद्र न केवल हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित उत्पादों का उत्पादन करेंगे, बल्कि स्थानीय कारीगरों और कारीगर महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर भी देंगे।
रायपुर के पंडरी क्षेत्र में एक विशेष पीएम मॉल का निर्माण किया गया है। यह मॉल राज्य के विभिन्न हिस्सों से लाए गए स्वदेशी उत्पादों के लिए एक केन्द्रीय विक्रय स्थल के रूप में कार्य करेगा। मॉल में रोजमर्रा की वस्तुएँ, हथकरघा उत्पाद, खादी वस्त्र, हस्तशिल्प और किचन आइटम जैसी सामग्री उपलब्ध होगी। इसका उद्देश्य है कि नागरिक सीधे स्थानीय कारीगरों के उत्पाद खरीद सकें और विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम हो।
इस पहल का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय रोजगार सृजन है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े कारीगरों और कारीगर महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरे और उन्हें एक स्थायी आय का साधन मिले। इसके साथ ही, यह कदम विदेशी टैरिफ और आयात पर निर्भरता को कम करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
छत्तीसगढ़ में हर साल 350 करोड़ रुपए के विभिन्न तरह के स्वदेशी सामान का कारोबार होता है। इनमें खादी, हाथकरघा निर्मित सामान, बेलमेटल, लकड़ी, विभिन्न सजावटी सामान से लेकर घरेलू उपयोग में आने वाले विभिन्न सामान शामिल हैं। खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों का कहना है कि स्वदेशी सामान को प्रोत्साहित करने के लिए शासकीय दतरों में इसके उपयोग को अनिवार्य किया गया है। वहीं खादी को प्रोत्साहित करने के लिए 25 फीसदी तक छूट की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। इसके चलते स्वदेशी उत्पादों के कारोबार में इजाफा हुआ है।
कैदियों द्वारा हाथ से निर्मित सामान की बिक्री के लिए जेल रोड स्थित शापिंग मॉल खोला गया है। जहां घरेलू उपयोग के विभिन्न तरह के सामान की बिक्री की जा रही है। इससे अर्जित आय का एक हिस्सा उन्हें भी प्रोत्साहन के रूप में दिया जा रहा है।
स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने से आयात पर निर्भरता कम होगी। साथ ही स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर बढ़ेगे। स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। वहीं उक्त उत्पादों को अपनाने से राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी सुधार के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
स्वदेशी उत्पादों को समर्थन देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। हालांकि गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए सामान की कीमतों और उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता में सुधार करना होगा। वहीं उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिकीकरण करने के लिए स्वदेशी उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देना होगा, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके।
सरकार ने इस अभियान के तहत स्वदेशी उत्पादों के प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता पर जोर दिया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कारीगरों को आधुनिक विपणन तकनीक, डिज़ाइन और वित्तीय मदद प्रदान कर रहे हैं। इससे न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश में स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ेगी और “आत्मनिर्भर भारत” का सपना साकार होगा।
Published on:
03 Oct 2025 02:24 pm
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