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धराली में राहत एवं बचाव कार्य में मौसम बना चुनौती, भारी बारिश काअलर्ट

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव और हर्षिल सैन्य शिविर में मंगलवार को आए मलबे और सैलाब ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, 13 लोग (11 सैनिकों सहित) बचाए गए हैं, जबकि 20 लोग (10 सैनिक, 8 स्थानीय, और 2 नेपाली) लापता हैं।

dharali Apda
धराली में राहत एवं बचाव कार्य में मौसम चुनौती बन गया है।

कर्नाटक-महाराष्ट्र के 64 और केरल के 28 लोगों से संपर्क टूटने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) हेलिकॉप्टरों और भारी मशीनरी के साथ बचाव कार्य में जुटे हैं। हालांकि, खराब मौसम और भूस्खलन से बंद रास्तों ने राहत कार्यों में बाधा डाली है।

बचाव कार्य में मौसम सबसे बड़ी चुनौती

बुधवार को मौसम के कुछ हद तक साफ होने पर बचाव अभियान ने जोर पकड़ा। भटवाड़ी हेलीपेड से दो हेलिकॉप्टरों के जरिए राहत सामग्री, खाद्य पदार्थ, और बचाव उपकरण धराली पहुंचाए गए। दो चिनूक और पांच एएन-32 हेलिकॉप्टर जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर तैनात हैं, जबकि एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण उतर नहीं सका। ITBP के 130 जवान, 50 मेडिकल कर्मी, और SDRF की 32 सदस्यीय टीम ग्राउंड जीरो पर काम कर रही है। सैटेलाइट फोन से संपर्क बनाए रखा जा रहा है।

बादल फटना नहीं, फ्लैश फ्लड संभावित

हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया कि धराली की आपदा बादल फटने से नहीं हुई। मौसम विभाग के अनुसार, 4-5 अगस्त को क्षेत्र में केवल 8-10 मिमी बारिश हुई, जबकि बादल फटने के लिए 100 मिमी से अधिक बारिश जरूरी है। वैज्ञानिकों (डॉ. डीपी डोभाल, डॉ. विनीत कुमार गहलोत) का अनुमान है कि भूस्खलन से बनी अस्थाई झील का टूटना, ग्लेशियर का गिरना, या फ्लैश फ्लड इसकी वजह हो सकता है। धराली की संकरी घाटी और ऊंचे पहाड़ों के बीच जमा पानी और मलबे ने तबाही मचाई, जैसा कि 2013 की केदारनाथ और 2021 की ऋषिगंगा आपदा में देखा गया था। सैटेलाइट तस्वीरों और वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही ठोस कारण स्पष्ट होगा।

सीएम धामी ने किया दौरा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को धराली पहुंचकर हवाई निरीक्षण किया और प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की। बिना प्रोटोकॉल के ग्रामीणों के बीच एक घंटे बिताने पर लोग भावुक हो गए। उन्होंने सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर CM धामी से स्थिति की जानकारी ली और केंद्र से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांशु और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बचाव रणनीति तैयार की।

उत्तराखंड में मौसम का रेड अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार (7 अगस्त) को उत्तराखंड के सभी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया। उत्तरकाशी, चमोली, और पौड़ी समेत कई जिलों में 12वीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।