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करोड़ों खर्च, व्यवस्था फिर भी फेल! महतारी-संजीवनी समय पर नहीं, 539 बच्चों का जन्म पुलिस गाड़ी में…

CG News: रायपुर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पताल भेजने के लिए महतारी एक्सप्रेस और संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस जैसी सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए।

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करोड़ों खर्च, व्यवस्था फिर भी फेल! महतारी-संजीवनी समय पर नहीं, 539 बच्चों का जन्म पुलिस गाड़ी में...

करोड़ों खर्च, व्यवस्था फिर भी फेल! महतारी-संजीवनी समय पर नहीं, 539 बच्चों का जन्म पुलिस गाड़ी में...

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पताल भेजने के लिए महतारी एक्सप्रेस और संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस जैसी सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, इसके बाद भी गर्भवती महिलाओं को हाई रिस्क से गुजरना पड़ा। उन्हें समय पर न महतारी एक्सप्रेस मिली और न ही संजीवनी एक्सप्रेस।

पिछले 7 साल में गर्भवती महिलाओं को 500 से ज्यादा नवजातों को पुलिस गाड़ी में ही जन्म देना पड़ा। एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजनों ने गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए इमरजेंसी में डॉयल 112 की ईआरव्ही(चौपहिया वाहन) की मदद ली। इस दौरान पुलिस गाड़ी में ही प्रसव पीड़ा होने से उसी में डिलीवरी करानी पड़ी।

CG News: गुजरना पड़ा भारी जोखिम से

प्रदेश में वर्ष 2018 से इमरजेंसी सेवा डॉयल 112 शुरू हुई है। प्रारंभ में यह 11 जिलों में शुरू की गई। वर्तमान में यह सुविधा 17 जिलों में चल रही है। इस दौरान अलग-अलग जिलों में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए मदद मांगी गई। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के दौरान 539 नवजातों का पुलिस वाहन में ही जन्म हुआ। इस दौरान नवजात और प्रसूता दोनों स्वस्थ थे। हालांकि गर्भवती महिलाओं को भारी जोखिम से गुजरना पड़ा।

इमरजेंसी में मांगते हैं मदद

रायपुर एसपी अविनाश सिंह ठाकुर ने कहा की इमरजेंसी में कोई साधन नहीं मिलने पर लोग डॉयल 112 से मदद मांगते हैं। इसके बाद डॉयल 112 के ईआरव्ही वाहनों से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाया जाता है। अब तक गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाते समय 539 बच्चों के जन्म होने के मामले सामने आए हैं। ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों से जुड़े होते हैं।

करोड़ों का घोटाला

प्रदेश में एंबुलेंस संचालन करने वाली कंपनी पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगा चुका है। टेंडर में जितनी एंबुलेंस चलाने को तय हुआ था, उतनी एंबुलेंस नहीं लगाई। इसके बावजूद कंपनी को उतनी एंबुलेंस चलाने का भुगतान किया गया। एंबुलेंस का संचालन करने वाली जय अंबे एजेंसी को लेकर कैग भी अपनी रिपोर्ट में करोड़ों रुपए की अनियमितता उजागर कर चुका है।

डेढ़ करोड़ से अधिक ने मांगी मदद

पुलिस के मुताबिक डॉयल 112 में अब तक कुल 1 करोड़ 69 लाख 69 हजार 815 लोगों ने कॉल किया और मदद मांगी। दरअसल डॉयल 112 एक इमरजेंसी नंबर है। इसमें पुलिस, एंबुलेंस और आगजनी में मदद के लिए कॉल करते हैं।