
NEET स्ट्रे राउंड का बड़ा सरप्राइज! NRI सीटें मैनेजमेंट कोटा में बदलीं, अब 22 सितंबर से नया सेशन शुरू...(photo-patrika)
CG MBBS Seats: छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्ट्रे वैकेंसी यानी आखिरी राउंड में 474 नीट स्कोर वाले एक छात्र को चंदूलाल चंद्राकर सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट मिली है। जबकि मॉपअप राउंड में नीट स्कोर 525 वाले को निजी कॉलेज का आवंटन हुआ था। दरअसल जिस छात्र को कम स्कोर पर सरकारी कॉलेज मिला है, वह प्रवेश नियम के कारण है। इसमें नियम विरुद्ध आवंटन किया गया है, ऐसा नहीं है।
पिछले साल भी कम स्कोर पर एक छात्र को टॉप पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज मिला था। वहीं स्ट्रे वेकेंसी राउंड दो में 423 स्कोर वाले को निजी कॉलेज में सीट मिली है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश का दौर गुरुवार को खत्म हो गया।
काउंसलिंग कमेटी से जुड़े अधिकारियों के अनुसार एमबीबीएस की सभी सीटें भर गई हैं। प्रदेश में 22 सितंबर से मेडिकल कॉलेजों में नया सेशन शुरू हो चुका है। फर्स्ट ईयर में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी व बायो केमेस्ट्री की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। जो छात्र देरी से एडमिशन ले रहे हैं, उन्हें दूसरे छात्रों से मदद लेनी होगी ताकि वे कोर्स में न पिछड़ सके।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस साल निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के दस्तावेजों की स्क्रूटनी व प्रवेश प्रक्रिया हैल्थ साइंस नवा रायपुर परिसर में की। इससे छात्रों के साथ पालकों को काफी परेशानी हुई। प्रदेश में रायपुर के अलावा भिलाई में निजी कॉलेज है।
वहीं, डेंटल के सभी छात्रों को दस्तावेज सत्यापन के लिए सरकारी डेंटल कॉलेज रायपुर आना पड़ा। जबकि बिलासपुर, भिलाई व राजनांदगांव में निजी कॉलेज चल रहे हैं। ये निर्णय काउंसलिंग कमेटी के सदस्य के दबाव के कारण लिए जाने की चर्चा होती रही। इस सदस्य का तर्क था कि नवा रायपुर में काउंसलिंग कराने से मीडिया भी दूर रहेगा। उनके तर्क से उच्चाधिकारी भी सहमति हो गए। जबकि पिछले साल तक पं. जवाहरलाल नेहरू व दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर सरकारी कॉलेज में निजी कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया पूरी की जाती रही है।
लंबे समय बाद एनआरआई की किसी सीट को मैनेजमेंट में कन्वर्ट कर प्रवेश देना पड़ा है। इस बार एक नहीं, बल्कि 26 सीटों को कन्वर्ट करना पड़ा। दरअसल इस बार बालाजी, शंकराचार्य व अभिषेक कॉलेज में एमबीबीएस की 250 सीटें बढ़ी हैं। इन कॉलेजों को 15 फीसदी सीटें एनआरआई की मिलीं। वहीं जीरो ईयर वाले रावतपुरा सरकार कॉलेज को भी 100 सीटों की मान्यता मिल गई।
इस तरह चारों कॉलेजों में एनआरआई की 60 सीटें मिल गईं। अचानक इतनी सीटें मिलने से छात्र नहीं मिले और कॉलेजों को मजबूरी में सीटें कन्वर्ट करनी पड़ी। दरअसल एनआरआई सीटों की अधिकृत फीस 1.38 करोड़ रुपए है, लेकिन मोलभाव कर बढ़ी हुई सीटों में 1.15 करोड़ में सीटें देने की बातें सामने आईं थी। पत्रिका की पड़ताल में पता चला कि छात्र लाने वालों को 5 लाख रुपए का भी ऑफर दिया गया।
Published on:
21 Nov 2025 05:40 pm
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