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अल्टीमेटम बेअसर: सख्ती से जांच नहीं, 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को बेखौफ चला रहे

आवेदनों की संख्या और भीड़ नहीं होने के कारण कंपनी भी आराम से नंबर बनाकर दे रही है। बता दें कि अब तक 10 लाख वाहनों में एचएसआरपी लग चुकी है। वहीं, 30 लाख में इसे लगाया जाना है। वहीं, 5 फीसदी वाहनों को कालातीत माना जा रहा है।

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अल्टीमेटम बेअसर: सख्ती से जांच नहीं, 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को बेखौफ चला रहे

अल्टीमेटम बेअसर: सख्ती से जांच नहीं, 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को बेखौफ चला रहे

प्रदेश में 40 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए जाने के लक्ष्य को लेकर 10 महीने पहले अभियान शुरू किया गया था, लेकिन अब तक मात्र 25 फीसदी वाहनों में नंबर प्लेट लग पाई है। वहीं, करीब 75 फीसदी वाहनों में इसे लगाया जाना है। यह नंबर प्लेट 1 अप्रैल 2019 के पहले खरीदे गए दोपहिया और चारपहिया वाहनों में लगाया जाना है।

समयसीमा तीन बार बढ़ाई

इसकी समयसीमा तीन बार बढ़ाई गई थी। इसके साथ बीच में त्योहारी सीजन को देखते हुए राज्य पुलिस द्वारा किसी भी तरह की सख्ती नहीं बरत पाई। इसके चलते लोगों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर जागरुकता भी दिख रही है। हालात यह है कि शहर के चौक-चौराहे- काॅलोनियों और शासकीय दफ्तर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए शिविर अब बंद हो चुके हैं। आवेदनों की संख्या और भीड़ नहीं होने के कारण कंपनी भी आराम से नंबर बनाकर दे रही है। बता दें कि अब तक 10 लाख वाहनों में एचएसआरपी लग चुकी है। वहीं, 30 लाख में इसे लगाया जाना है। वहीं, 5 फीसदी वाहनों को कालातीत माना जा रहा है।

पुलिस का अभियान बंद

शुरुआती दौर में वाहनों की जांच करने के लिए पुलिस द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान वाहन चालकों को समझाइश के साथ चालानी कार्रवाई की जा रही थी। साथ ही वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगनी थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन के बाद फिर पुलिस के साथ मिलकर अभियान शुरू किया जाएगा। साथ ही पुराने वाहनों में नंबर प्लेट लगाई जाएगी।

इसलिए जरूरी

हाई सिक्योरिटी नंबर वाहनों में लगाना इसलिए भी जरूरी है की इस नंबर प्लेट पर कई फीचर यूनिक है। इसका डुप्लीकेट नंबर प्लेट नहीं बनाई जा सकती। नंबर प्लेट लगाने से वाहन चालकों के वाहन सुरक्षित रहेंगे। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों की चोरी के बाद दूसरे नंबर की प्लेट नहीं बदल पाएंगे। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए दोपहिया और तीनपहिया वाहनों में 365 रुपए और चारपहिया वाहनों के लिए 720 रुपए निर्धारित किए गए हैं इसमें इंस्टॉलेशन फीस भी शामिल है।

इसलिए परेशानी

अधिकांश वाहनों के नंबरों के साथ मोबाइल नंबर अटैच नहीं होने के कारण ही समस्या आ रही है। इसके चलते वाहन चालक एचएसआरपी लगाने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। बताया जाता है कि फिलहाल भीड़ नहीं होने के कारण ऑनलाइन आवेदन करने पर मोबाइल नंबरों को तुरंत कनेक्ट किया जा रहा है। साथ ही तत्काल नंबर प्लेट भी लगाई जा रही है।

समस्या का निराकरण

एचएसआरपी लगाने के लिए किसी भी तरह की परेशानी का तुरंत निराकरण किया जा रहा है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर वाहन मालिक संबंधित जिला आरटीओ और टेलीफोन नंबर से जानकारी ले सकते हैं।

  • डी रविशंकर, परिवहन आयुक्त
  • फैक्ट फाइल
  • प्रदेश में वाहनों की संख्या -- 80 लाख
  • नए वाहनों की संख्या -- 35 लाख
  • वाहन में लगे एचएसआरपी -- 10 लाख
  • लगानी है नंबर प्लेट -- 30 लाख
  • कंपनी को टेंडर मिला -- 57 लाख
  • वाहनों में नंबर प्लेट लगी- 25 फीसदी