Aadhar Seeding
राजसमंद. किसानों के चेहरों पर एक बार फिर मुस्कान लौटने की उम्मीद जाग उठी है। जिले में चल रहे ‘सहकार सदस्यता अभियान’ को अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ा गया है, जिससे लंबे समय से रुकी किसानों की किश्तों के रास्ते खुलने लगे हैं। जिला प्रशासन के प्रयासों और सहकार विभाग के सहयोग से आधार सीडिंग और ई-केवाईसी का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे हजारों पात्र किसानों को उनकी रुकी हुई किश्तें शीघ्र मिलने की संभावना बन गई है।
जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा की अध्यक्षता में सोमवार को सहकार सदस्यता अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप रजिस्ट्रार विनोद कोठारी ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में अभियान के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों को सहकारिता से जोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में ग्राम सहकारी समितियों के व्यवस्थापक हड़ताल पर थे, जिसके कारण अभियान की रफ्तार प्रभावित हुई थी। लेकिन राज्य सहकारिता विभाग के अधिकारी गौतम दक के प्रयासों से सोमवार को हड़ताल समाप्त हो गई है। इससे अब अभियान को नई गति मिल गई है।
राज्य में 15 अक्टूबर तक चल रहे ‘सहकार सदस्यता अभियान’ को किसानों के लिए बड़ा अवसर माना जा रहा है। इस अभियान से न केवल सहकारी समितियों का दायरा बढ़ेगा, बल्कि इसका सीधा लाभ पीएम किसान सम्मान निधि योजना के उन लाभार्थियों को भी मिलेगा जिनकी किश्तें तकनीकी कारणों से रुकी हुई थीं। राज्य स्तर पर लगभग 77.73 लाख किसान ऐसे हैं जिनकी आधार सीडिंग और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी, जिसके अभाव में भुगतान रोकना पड़ा था। अब अभियान के दौरान इन दोनों प्रक्रियाओं को तेज़ी से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अभियान के तहत आयोजित विभिन्न शिविरों में किसानों को एक ही स्थान पर आधार सीडिंग और ई-केवाईसी की सुविधा दी जा रही है। इससे उन्हें अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिली है।
किसान स्वयं भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं —
राजसमंद जिले में अब तक 9,555 किसानों की आधार सीडिंग और 8,447 किसानों की ई-केवाईसी का कार्य शेष है। जिला प्रशासन ने लक्ष्य रखा है कि अभियान की समाप्ति तक सभी लंबित कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
जैसे ही यह प्रक्रिया पूर्ण होगी, इन किसानों को नई किश्तों का समय पर भुगतान मिलेगा और रुकी हुई पिछली किश्तों का वितरण भी संभव हो जाएगा।
‘सहकार सदस्यता अभियान’ अब केवल सदस्यता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह किसानों को डिजिटल सशक्तिकरण से भी जोड़ रहा है। जिला प्रशासन की यह पहल न केवल योजना के लाभार्थियों के लिए राहत का संदेश है, बल्कि सहकारिता के नए युग की शुरुआत भी मानी जा रही है, जिसमें सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और पहुँच दोनों को सुनिश्चित किया जा रहा है।
Published on:
09 Oct 2025 02:06 pm
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