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ड्रॉप एंड गो लाइन में खड़े कर दिए जाते हैं ऑटो, पार्सल विभाग के लोडिंग वाहन भी हो रहे यहीं पर खड़े

यात्रियों को स्टेशन परिसर में पहुंचने में होती है परेशानी, आरपीएफ और जिम्मेदार नहीं कर रहे कार्रवाई

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Autos are parked in the drop-and-go line, and the parcel department's loading vehicles are also parked there.

इस तरह खड़े रहते हैं ऑटो

बीना. रेलवे स्टेशन परिसर में व्यवस्था सुधारने के लिए बनाई गई ड्रॉप एंड गो लाइन इन दिनों अव्यवस्था का प्रमुख कारण बन गई है। यहां यात्रियों को कुछ देर तक वाहन रोककर उतारने-चढ़ाने की सुविधा दी जाती है, लेकिन इसके विपरीत ऑटो संचालकों द्वारा इस लाइन को स्थायी पार्किंग की तरह उपयोग किया जा रहा है। यही नहीं, पार्सल विभाग के लोडिंग वाहन भी इसी स्थान पर खड़े किए जा रहे हैं, जिससे मार्ग संकरा हो गया है और यात्रियों के निकलने में परेशानी हो रही है।
यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर भीड़ के समय ड्रॉप एंड गो लाइन पूरी तरह जाम हो जाती है। ऑटो घंटों खड़े रहते हैं। वहीं पार्सल सामग्री लोड-अनलोड करने वाले वाहन भी लाइन को बंद कर देते हैं। यात्रियों को अपने वाहनों को स्टेशन के बाहर ही रोकना पड़ता है और पैदल ही दूर तक चलना पड़ता है। बुजुर्ग, दिव्यांगजनों और बच्चों के साथ यात्रा करने वालों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है।

आरपीएफ नहीं कर रही कार्रवाई
स्टेशन क्षेत्र में तैनात आरपीएफ और अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस अव्यवस्था पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे वाहन चालकों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई हंै। यात्रियों ने मांग की है कि ड्रॉप एंड गो लाइन को सख्ती से खाली कराया जाए और ऑटो की लंबी पार्किंग पर प्रतिबंध लगाया जाए। साथ ही पार्सल विभाग के वाहनों के लिए अलग स्थान तय किया जाए, ताकि भीड़भाड़ कम हो सके और स्टेशन में आवागमन सुचारू रहे।

संयुक्त कार्रवाई की जरूरत
यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है कि रेलवे प्रशासन व आरपीएफ संयुक्त रूप से कार्रवाई कर व्यवस्था को दुरुस्त करें, अन्यथा बढ़ती यात्री संख्या के बीच यह अव्यवस्था और भी गंभीर रूप ले सकती हैं। क्योंकि जल्दबाजी में लोग यहां से निकल नहीं पाते हैं।