मंडी नए सोयाबीन की आवक हुई शुरू
बीना. सरकार ने किसानों को लाभ देने के लिए सोयाबीन खरीदी के लिए भावांतर योजना शुरू की है और शुक्रवार से पंजीयन भी शुरू हो गए हैं, लेकिन यह योजना किसानों को रास नहीं आ रही है। इस योजना का विरोध करते हुए एमएसपी पर खरीदी करने की मांग की जा रही है, जिससे अतिवृष्टि से हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सके।
भावांतर योजनांतर्गत मंडी के मॉडल रेट और एमएसपी के बीच के अंतर की राशि किसानों को दी जाएगी। सोयाबीन की एमएसपी 5328 रुपए हैं और यदि मंडी में मॉडल रेट 4500 रुपए होगा, तो 828 रुपए किसानों के बैंक खाते में भावांतर योजना के डाले जाएंगे। वहीं, यदि सोयाबीन 4000 रुपए क्विंटल बिकता है और मॉडल रेट 4500 रुपए हैं, तो भी किसान को सिर्फ 828 रुपए ही मिलेंगे। साथ ही यदि मॉडल रेट 4600 रुपए है और सोयाबीन 4700 रुपए क्विंटल बिकता है, तो 628 रुपए भावांतर मिलेगा, इसमें फिर मॉडल रेट से अंतर नहीं निकाला जाएगा। अभी कृषि उपज मंडी में 2000 रुपए से 4285 रुपए क्विंटल तक सोयाबीन बिक रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों को इस योजना से घाटा होगा और किसान एमएसपी पर खरीदी करने की मांग कर रहे हैं, जिससे हर किसान को लाभ मिल सके।
ऐसे होता है मॉडल रेट तय
जानकारी के अनुसार मंडी में मॉडल रेट पंद्रह दिन हुई खरीदी के अनुसार निकाला जाता है और मॉडल रेट में हर दिन उतार, चढ़ाव आता है। शुक्रवार को मॉडल रेट 4092 रुपए क्विंटल रहा, जो 26 सितंबर को 4039 रुपए क्विंटल था।
रुपयों के जरूरत, इसलिए भावंतर का नहीं कर रहे इंतजार
शुक्रवार को ग्राम बीमरखेड़ी के किसान प्रेम सिंह मंडी में सोयाबीन बेचने पहुंचे थे, जो 4200 रुपए क्विंटल बिका। जब किसान से भावांतर योजना के संबंध में पूछा तो उनका कहना था कि अभी मजदूरों का भुगतान करना है, बोवनी के लिए बीज, खाद खरीदना है, इसलिए योजना का इंतजार नहीं कर पाएंगे। माला गांव के किसान मुकेश प्रजापति ने बताया कि उन्हें रुपयों की जरूरत अभी है और योजना के तहत खरीदी 24 अक्टूबर से होगी। यदि किसानों को लाभ देना था, तो अभी से खरीदी शुरू करनी थी।
किसान एमएसपी चाहते हैं, भावांतर नहीं
भावांतर योजना से किसानों को कोई राहत नहीं मिलेगी, यह किसानों के साथ छलावा है। किसानों की मांग समर्थन मूल्य पर खरीदी की है। पिछले सालों में भी भावांतर योजना सफल नहीं हो पाई थी और बंद करनी पड़ी थी। सरकार ने 5328 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य लागू कर दिया है, तो इसपर ही सोयाबीन खरीदना चाहिए। ऐसा न होने पर किसान आंदोलन करेंगे।
सीताराम ठाकुर, संभागीय अध्यक्ष, भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन
मॉडल रेट और एमएसपी के बीच की मिलेगी राशि
मंडी में मॉडल रेट और एमएसपी के बीच के अंतर की राशि किसानों को मिलेगी। योजना में गड़बड़ी न हो इसके लिए टीम लगातार निरीक्षण करेगी।
राजेश त्रिपाठी, उप संचालक कृषि, सागर
Published on:
04 Oct 2025 11:54 am
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