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एनआरसी के भवन में सीपेज के बाद लगी जगह-जगह फफूंद, बच्चों के संक्रमित होने का बना खतरा

वार्ड की छत हुई खराब, बाहर से खंडहर जैसे दिखने लगा भवन, कई वर्षों से नहीं हुई पुताई

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Mold has grown in various parts of the NRC building after seepage, putting children at risk of infection.

भवन की पुताई न होने से बाहर से आ रहा खंडहर नजर

बीना. सिविल अस्पताल में पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) वार्ड बना हुआ है, जहां कुपोषित बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जाता है, लेकिन यहां दीवारों और छत पर लगी फफूंद से बच्चों को संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसके बाद भी मरम्मत तो दूर पुताई तक नहीं कराई जा रही है।
करीब चौदह वर्ष पूर्व रिफाइनरी में काम करने आई इआइएल कंपनी ने एनआरसी के लिए भवन बनाया था और इस भवन की छत अब कमजोर हो गई है, जिससे छत और दीवारों में नमी आ रही है। अंदर दीवारें फफूंद के कारण काली पड़ गई हंै और यहां भर्ती बच्चों को फंगल संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। यही नहीं किचन की छत से पानी टपकने के कारण कर्मचारियों को पोषण आहार बनाने में परेशानी होती है। साथ ही छत टपकने लगी है, जिससे कर्मचारियों को घायल होने का खतरा बना रहता है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मरम्मत, तो दूर पुताई तक नहीं करा पा रहे रहे हैं। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, सिर्फ निर्देश देते हैं। छत दिनोंदिन कमजोर हो रही है और किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।

राज्य खाद्य आयोग सदस्य सचिव ने लगाई थी फटकार
एनआरसी का निरीक्षण तीन वर्ष पूर्व राज्य खाद्य आयोग के सदस्य सचिव ने किया था, जहां भवन की पुताई न होने, जगह-जगह सीलन आने की बात सामने आने पर फटकार लगाई थी। इसके बाद भी कोई काम नहीं हुआ है।

बाहर से भवन लगने लगा खंडहर
एनआरसी भवन की दीवारों की मरम्मत, पुताई न होने से पीछे से खंडहर जैसा दिखने लगा है। खिडक़ी भी टूटी पड़ी हैं, लेकिन इनका सुधार नहीं कराया जा रहा है, जिससे ठंड में यहां परेशानी होती है। बारिश के पानी से खिड़कियों की लकड़ी सड़ गई है। साथ ही एनआरसी के पीछे के पोस्टमार्टम रूम बना हुआ है।

जल्द कराई जाएगी मरम्मत
एनआरसी सहित अस्पताल के भवनों की मरम्मत और पुताई कराई जानी है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ, बीना