शहर में मंगलवार को नवरात्रि की नवमी पर देवी मंदिरों में जवारा विसर्जन किया गया। इस दौरान नगर और ग्रामीण अंचलों में आस्था और भक्ति का माहौल रहा। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से मां दुर्गा को जवारे अर्पित किए। नगर के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। ढोल-मंजीरों की थाप पर महिलाएं और पुरुष परंपरागत देवी गीत गाते हुए माता की आराधना कर रहे थे। ग्रामीण अंचलों में भी टोलियों ने उत्साह के साथ गीत गाए और जवारों का विसर्जन किया। श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में प्रसाद अर्पित कर सुख-समृद्धि और परिवार के मंगल की कामना की।भक्तों ने जवारा विसर्जन के साथ नवरात्रि का समापन किया और माता रानी का आशीर्वाद लिया।
वहीं देवी पंडालों में दोपहर बाद हवन पूजन का दौर शुरू हो गया। गुजराती बाजार अलंकार टॉकीज के सामने विराजीं मां श्वेत कमल काली कमेटी के अध्यक्ष देवकी नंदन पटेल ने कहा कि देवी स्थापना का यह उनका 58वां वर्ष है। समिति जवारों के हिसाब से विसर्जन 2 तारीख को करेगी। वहीं तीन बत्ती स्थित एकता नवदुर्गा उत्सव समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बुधवार दोपहर 12 बजे हवन-पूजन शुरू किया जाएगा।
पुरोहित पुजारी विद्वत संघ के राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने बताया कि मंगलवार को महाष्टमी पूजन हुआ और दोपहर 1.32 के बाद हवन पूर्णाहूति की गई। देवी विसर्जन 1 अक्टूबर गुरुवार को होगा। संघ के अध्यक्ष शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि नवरात्रि व्रत का पारण विद्वानों के अनुसार नवमी और दशमी तिथि में उचित है, तो व्रत पारायण बुधवार को किया जा सकेगा।
Published on:
01 Oct 2025 04:54 pm
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